नई दिल्ली, 29 मई (हि.स.)। सेना के बीच तालमेल बनाकर सरकार को सलाह देने वाले चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी प्रमुख(सीओएससी) की बैटन निवर्तमान और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने बुधवार को वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बिरेंद्र सिंह धनोआ को सौंप दी। यह पद तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ को दिया जाता है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार एयर चीफ मार्शल बिरेंद्र सिंह धनोआ 31 मई,2019 से एडमिरल सुनील लांबा की सेवानिवृत्ति के कारण उनके द्वारा प्रभार सौंपने के बाद चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष होंगे। चार दशकों से भी अधिक समय तक अपने विशिष्ट कार्यकाल के बाद एडमिरल सुनील लांबा 31 मई को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। उनका स्थान वाइस एडमिरल करमबीर सिंह लेंगे।
चीफ ऑफ स्टाफ के प्रमुख का पद सेनाओं के बीच तालमेल के लिए होता है। चीफ ऑफ स्टाफ समिति में थल, वायु एवं नौसेना के प्रमुख सदस्य होते हैं। इसके अलावा एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख भी इसके सदस्य होते हैं। रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार को आवश्यकता होने पर भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है। एयर चीफ मार्शल बिरेंद्र सिंह धनोआ राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व-छात्र हैं। उन्हें जून-1978 में भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ब्रांच में अधिकारी बनाया गया था। वे एक अनुभवी फाइटर पायलट और एक सुयोग्य सीएटी ‘ए’ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं और उन्हें 3000 घंटे से अधिक उड़ान भरने का अनुभव है।
एयर चीफ मार्शल ने मुख्य रूप से मिग-21 विमान से लेकर भारतीय वायु सेना के प्रायः सभी किस्मों के फाइटर विमानों को उड़ाया है। कारगिल युद्ध(1999) के दौरान वे एक फ्रंटलाइन ग्राउंड अटैक फाइटर स्क्वाड्रन के कमान अधिकारी थे। उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण ऑपरेशनल कार्य किए और अनेक पदों पर कार्यभार संभाला, जिनमें पश्चिमी वायु कमान में एक फ्रंटलाइन फाइटर बेस की कमान, फाइटर ऑपरेशन और वार प्लानिंग के निदेशक, डीएसएससी में चीफ इंस्ट्रक्टर(वायु), वायु सेना मुख्यालय में वायु सेना(इंटेलिजेंस) के सहायक प्रमुख और दो ऑपरेशनल कमानों के वरिष्ठ वायु सेना अधिकारी के पद शामिल हैं। वे दक्षिण पश्चिम वायु कमान के एयर ऑफिसर कमाडिंग इन चीफ और वायु सेना के वाइस चीफ भी रहे हैं।