राष्ट्रपति की लागत लेखाकारों को सलाह, गुणवत्ता से ना हो समझौता

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नई दिल्ली, 14 जुलाई (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय लागत लेखाकार संस्थान के प्लैटिनम जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि लागत लेखाकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उत्पादों एवं सेवाओं की प्रदायगी प्रतिस्पर्धी कीमत पर हो लेकिन गुणवत्ता से समझौता न हो। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को नई दिल्ली में भारतीय लागत लेखाकार संस्थान के प्लैटिनम जयंती समारोह का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि लागत लेखाकार प्रक्रियाओं-विशेष रूप से विनिर्माण-एवं पूंजीगत उपयोग में दक्षता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। जैसे जैसे वैश्विक विनिर्माण और विकसित होता जाएगा और मेक इन इंडिया कार्यक्रम के साथ आने वाले दशक में भारत परिपक्व होता जाएगा, लागत लेखाकार की भूमिका भी पहले से और अधिक बड़ी होती जाएगी। राष्ट्रपति ने कहा कि लागत लेखाकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उत्पादों एवं सेवाओं की प्रदायगी प्रतिस्पर्धी कीमत पर हो लेकिन गुणवत्ता से समझौता न हो। इनको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उत्पादन में बेकार की गतिविधियां और लागत खत्म हो जाए। प्रक्रियाओं में नवोन्मेषण तथा बेहतरी लाने में मदद करनी चाहिए और वैसी लागतों में कमी लानी चाहिए जिनसे बचा जा सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि जैसे जैसे हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ती जाएगी, उन्हें उम्मीद है कि लागत लेखाकारों की मांग भी तेजी से बढ़ेगी। इसी लिए राज्य सरकार एवं मंत्रालय तथा केंद्र सरकार के विभाग भी व्ययों एवं लागतों को युक्तिसंगत बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।


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