उचित मौका मिलने पर देश को नई दिशा दे सकती हैं बालिकाएं- योगी

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लखनऊ, 29 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा परिषद, उ.प्र. एवं केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली तथा कॉउंसिल फॉर दि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन्स, नई दिल्ली के वर्ष 2018 हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट के राज्य एवं जनपद स्तरीय मेधावी विद्यार्थियों को आज सम्मानित किया। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे। राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के आम्बेडकर सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा की मेरिट में बालिकाओं की संख्या दोगुनी है। बालिकाओं को उचित अवसर दे दिया जाए तो वह हर क्षेत्र में बेहतरीन स्थान प्राप्त करके समाज व राष्ट्र को एक नई दिशा दे सकती हैं। शॉर्टकट से सफलता नहीं उन्होंने कहा कि जिन बालक-बालिकाओं ने मेरिट में स्थान बनाया है, उन सबको हृदय से बधाई देता हूं और शुभकामनाएं देता हूं। जीवन में सफलता का एकमात्र मंत्र परिश्रम है। परिश्रम से भागकर हम किसी तनाव से ग्रसित हों तो यह कमजोरी है। जब भी व्यक्ति परिश्रम की बजाय शॉर्टकट अपनाता है, वह सफलता नहीं हासिल कर पाता। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तनाव में रहकर ऊंचे लक्ष्य को प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न बोर्डों की परीक्षाओं से पहले मन की बात में विद्यार्थियों को तनाव से मुक्त रहने की सलाह भी दी थी। उन्होंने कहा कि जब हम तनाव से मुक्त होकर परीक्षाओं की तैयारी के लिए बैठेंगे और उसके अनुरूप अपनी बुद्धि और विवेक का भरपूर उपयोग करते हुए परीक्षाएं देंगे तो निश्चित रूप से हमें सफलता प्राप्त होगी। 12 लाख मुन्ना भाई पकड़े मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के वे सभी मेधावी छात्राएं चाहे वे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की हों, सीबीएसई की हों या आईसीएसई की, सभी को यहां सम्मानित करने का कार्य प्रदेश सरकार के द्वारा हो रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में 12 लाख से अधिक ऐसे फर्जी लोग निकले जो मुन्ना भाई बनने आए थे, लेकिन इससे पहले ही यहां की सतर्कता ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन सभी शिक्षकों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने भरपूर मेहनत करके न केवल विद्यालय में पठन-पाठन का माहौल बनाया, बल्कि प्रदेश सरकार की नकलविहीन परीक्षा के संकल्प के साथ जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शिक्षकों ने साबित किया कि एक योग्य शिक्षक एक योग्य योजक भी है। इस कार्यक्रम में कुल 146 मेधावी विद्यार्थियों को एक लाख रुपये की धनराशि, एक टैबलेट, मेडल व प्रशस्ति-पत्र और उनके अभिभावकों को शॉल एवं पगड़ी से सम्मानित किया गया। इनमें राज्य स्तर पर यूपी बोर्ड के हाईस्कूल के 55, इंटरमीडिएट के 42, सीबीएसई बोर्ड के इंटरमीडिएट के 11 और सीआईएससीई बोर्ड के हाईस्कूल के 16 और इंटरमीडिएट के 22 मेधावी शामिल हैं। इसके साथ ही यूपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड और सीआईएससीई बोर्ड की वर्ष 2018 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों के 11 प्रधानाचार्यों को भी सम्मानित किया गया। वहीं जनपद स्तर पर यूपी बोर्ड के कुल 1563 मेधावी विद्यार्थियों को इक्कीस हजार रुपये, एक टैबलेट, मेडल और प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया गया। इनमें हाईस्कूल के 768 और इंटरमीडिएट के 795 मेधावी शामिल हैं। सभी मेधावी बच्चों को एसी बसों द्वारा पुलिस सुरक्षा के साथ लाया गया। इनके ठहरने के स्थान पर संस्कृति विभाग द्वारा जादू, कठपुतली एवं अन्य मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गय।


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