‘मुख्य मामले हैं लम्बित, बाद में लाएं रामजन्मभूमि मंदिर में पूजा के अधिकार संबंधी याचिका’

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नई दिल्ली, 23 अप्रैल (हि.स.)। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के रामजन्मभूमि मंदिर में पूजा करने के अपने अधिकार पर जल्द सुनवाई की मांग की। आज(सोमवार को) जब स्वामी ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इसे मेंशन किया तो कोर्ट ने इससे सुनवाई इनकार करते हुए कहा कि आप यह मसला बाद में उठाएं। अभी मुख्य मामले पर सुनवाई लंबित है। अयोध्या मसले पर सुनवाई के दौरान पिछले 14 मार्च को जब सुप्रीम कोर्ट ने सभी हस्तक्षेप याचिकाओं को खारिज किया था और सुब्रमण्यम स्वामी की पूजा करने के मौलिक अधिकार की रक्षा की मांग करने वाली याचिका पर उपयुक्त बेंच के पास सुनवाई का आदेश दिया था। पिछले छह अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि इस मामले को पांच सदस्यीय संविधान बेंच को भेजने का फैसला दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ही लिया जाएगा। मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा था कि इस्माइल फारुकी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर भी अयोध्या मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रहा है, इसलिए इसे संविधान बेंच के पास विचार करने के लिए भेजा जाना चाहिए। राजीव धवन ने कहा था कि यह कहना सही नहीं है कि मुस्लिमों का हित केवल मस्जिद के लिए है, इबादत के लिए नहीं। अगर हक हमारा है तो यह हमें मिले और अगर नहीं है तो हमें नहीं मिले। उन्होंने कहा था कि कुछ शरारती तत्वों ने मस्जिद को तोड़ा जिनका कोई धर्म नहीं था। वे हिन्दू हो सकते हैं लेकिन वे आपराधिक हिन्दू समुदाय के हैं। यह इतिहास का एक दुर्भाग्यपूर्ण वर्णन है। जस्टिस कृपलानी के आदेश से भी यथास्थिति का उल्लंघन हुआ। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह द्वारा सीता की रसोई की स्थापना पर सवाल उठाया था।


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