राजनीतिक मामलों में भारत की दखलंदाजी से मालदीव नाराज

0

माले, 14 मार्च (हि.स.)। भारत को मालदीव राजनीतिक संकट से दूर रहना चाहिए। यह संकट कश्मीर समस्या की तरह आंतरिक मामला है। ये बातें वहां के एक मंत्री ने बुधवार को कहीं। मालदीव के कृषि एवं मत्स्य मंत्री मोहम्मद शैनी ने मालदीव में आपातकाल की तुलना फ्रांस की आपातकाल से की। उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या दो परमाणु संपन्न पड़ोसी देशों, भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से कलह का कारण बना हुआ है। अभी तक लाखों लोगों की जान जा चुकी है। दोनों देश इस क्षेत्र पर दावा पेश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “ कश्मीर मामले में हमलोगों को क्यों नहीं हस्तक्षेप करना चाहिए या मध्यस्थता की पेशकश करनी चाहिए? क्योंकि यह आंतरिक मामला है। इसी तरह भारत को भी मालदीव संकट से दूर रहना चाहिए। ” विदित हो कि शैनी ने बुधवार को भारतीय संवाददाताओं से ये बातें कहीं। मालदीव में एक महीने पहले हुई आपातकाल की घोषणा के बाद वह पहली बार औपचारिक ढंग से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “ हम स्वतंत्र राष्ट्र हैं और स्थिति से निपटने में सक्षम हैं। अगर हमें मदद की जरूरत होगी, हम भारत को सूचित करेंगे। ” मालदीव के मंत्री के इस उकसावे वाले बयान से यह साफ जाहिर होता है कि राष्ट्रपति यामीन विपक्षी नेताओं को जेल से रिहा करने के मूड में नहीं हैं और उन्हें राजनीति में नहीं आने देना चाहते हैं। साथ ही इस दिशा में भारतीय प्रयासों को विफल करना चाहते हैं। उन्होंने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद के इस आरोप को भी खारिज कर दिया यह द्वीप देश चीन के पाले में जा रहा है। शैनी ने कहा कि मालदीव भारत के लिए कभी खतरा नहीं बनेगा और उसकी ‘भारत पहले’ की नीति जारी रहेगी।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *