युवाओं मेंबढ़ती कट्टरता दुनिया के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण समस्या: राजनाथ

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नई दिल्ली, 15 मार्च (हि.स.)। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लोगों और विशेषकर युवाओं में बढ़ती कट्टरता इस समय दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। गुरुवार को ‘वैश्विक आतंकवाद के बदलते आयाम’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने किसी भी देश का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को प्रायोजित करते हैं और सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं ताकि दुनियाभर में आतंकवाद में अभूतपूर्व वृद्धि की जा सके। गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद केवल भारत ही नहीं पूरे विश्व की समस्या है। विश्व के सभी देश अब आतंक के खिलाफ एकजुट होते दिख रहे हैं। लेकिन विश्व की एक बड़ी समस्या यह भी है कि अब तक विश्व समुदाय ने आतंकवाद को लेकर कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं गढ़ी है। यही कारण है कि आतंक की पहचान कई देशों के लिए गुड और बैड कैटेगरी की होती है, जिसका भारत पुरजोर विरोध करता रहा है। आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक वह विचारधारा है, जिससे आज विश्वभर में युवा पीढ़ी में एक सनक पैदा हो रही है और वे कट्टरता की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं में कट्टरता का बढ़ना नया चलन और मौजूदा स्थिति में दुनिया के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण समस्याओं में से एक है। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत ने समय रहते कुछ मॉड्यूलों का पर्दाफाश किया है जो उसकी धरती पर आतंकवाद को पनपाने का प्रयास कर रहे थे। राजनाथ ने कहा कि आतंकवादी संगठन आईएसआई के प्रोपेगंडा ने भारत में जिहादी विमर्श को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है, जो कि अभी तक भारत देश और समाज के प्रति शिकायतों में छिपा हुआ था। राजनाथ सिंह ने देश की संप्रभुता और अखंडता को अक्षुण्ण बताते हुए कहा, ‘ हालांकि, मैं खुश हूं कि भारतीय समाज के तानेबाने को इस्लामिक स्टेट की उत्पत्ति से कोई फर्क नहीं पड़ा है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह आगे भी हमारे देश पर कोई प्रभाव नहींं डाल सकेगा।’


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