हज यात्रियों के पहले जत्थे को नकवी ने किया रवाना
नई दिल्ली, 14 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज हज 2018 के लिए दिल्ली से जाने वाले यात्रियों के पहले जत्थे को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के हज टर्मिनल से रवाना किया।
श्री नकवी ने हज यात्रियों को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर दिल्ली के राजस्व एवं परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, हज कमेटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन चौधरी महबूब अली कैसर, दिल्ली हज कमेटी के चेयरमैन एवं विधायक मोहम्मद इशराक खान एवं समाज के सभी वर्ग के लोगों ने हाजियों को मुबारकबाद और विदाई दी।
आज दिल्ली से कुल 3 फ्लाइट में 1230 हज यात्री रवाना हुए । दिल्ली से जाने वालों में जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के हज यात्री भी शामिल हैं। दिल्ली के अलावा आज गया से 450, गुवाहाटी से 269, लखनऊ से 900 और श्रीनगर से 1020 हज यात्री रवाना हो रहे हैं।
श्री नकवी ने कहा कि इस बार अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सऊदी अरब हज कांसुलेट, हज कमिटी ऑफ़ इंडिया एवं अन्य सम्बंधित एजेंसियों के साथ मिल कर हज 2018 की तैयारियां समय से बहुत पहले ही पूरी कर ली थी ताकि हज यात्रा को सरल-सुगम बनाया जा सके।
श्री नकवी ने कहा कि हज 2018 नई हज नीति के अनुसार आयोजित हो रहा है। नई हज पालिसी से हज की संपूर्ण प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो गई है। इस नई पालिसी में हज यात्रियों के लिए विभिन्न सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हज सब्सिडी खत्म किये जाने के बावजूद इस बार सरकारी व्यवस्था से जाने वाले भारतीय हज यात्रियों को हवाई यात्रा के लिए 57 करोड़ रुपये कम देना पड़ेगा। 2017 में 1 लाख 24 हजार 852 हाजियों के लिए 1030 करोड़ रुपये एयरलाइन्स कंपनियों को हवाई किराये के रूप में दिए गए थे जबकि 2018 में हज कमेटी ऑफ इंडिया के माध्यम से जाने वाले 1 लाख 28 हजार 702 हाजियों के लिए 973 करोड़ रुपये दिए जायेंगे जो पिछले वर्ष के मुकाबले 57 करोड़ रुपये कम है।
श्री नकवी ने कहा कि हज सब्सिडी खत्म होने और सऊदी अरब में विभिन्न नए करों के बावजूद आजादी के बाद पहली बार सबसे ज्यादा भारतीय मुस्लिम 2018 में हज यात्रा कर रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार भारत से रिकॉर्ड 1 लाख 75 हजार 25 मुसलमान हज 2018 के लिए जा रहे हैं। इस वर्ष हज पर जाने वालों में रिकॉर्ड 47 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। भारत से पहली बार 1308 मुस्लिम महिलाएं बिना ‘मेहरम’ (पुरुष रिश्तेदार) के हज पर जा रही हैं।