स्विस बैंकों में कालाधन रखने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई : गोयल

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नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। अंतरिम वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि कालाधन रखने वालों के खिलाफ नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। गोयल उस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें यह कहा गया है कि भारतीय खाताधारियों का स्विस बैंक में जमा राशि में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह जानकारी स्विस नेशनल बैंक की ओर से जारी की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक यह राशि अब 7,000 करोड़ रुपये की हो गई है। उधर, कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विट करते हुए कहा है कि 2014 के दौरान प्रधानमंत्री की ओर से कहा गया था कि वह कालाधन को देश में वापस लाकर प्रत्येक देशवासियों के खाता में 15 लाख रुपये डालेंगे। गांधी ने यह भी कहा कि मोदी ने नोटबंदी के बाद देश से कालाधन खत्म होने की भी बात की थी लेकिन यह क्या, इसमें तो बढ़ोतरी ही हो गई। गोयल ने कहा कि वित्तीय साल 2019 के अंत तक देश को स्विस खाताधारियों की जानकारी पूरी तरह मिल जाएगी और तब उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गोयल ने यह भी कहा कि भारत व स्विटजरलैंड के बीच खाताधारियों की जानकारी को लेकर 1 जनवरी 2018 को एक समझौता किया गया था। उल्लेखनीय है कि देश में कालाधन रखने वालों के खिलाफ हो रही कार्रवाई के बीच यह खबर आ रही है कि इस धन में समय के साथ बढ़ोतरी हो रही है। यह केंद्र सरकार के लिए एक चिंता का विषय है। इससे पहले तीन साल यहां के बैंकों में भारतीयों के जमा धन में लगातार गिरावट आई थी। अपनी बैंकिंग गोपनीयता के लिए पहचान बनाने वाले इस देश में भारतीयों के जमाधन में ऐसे समय दिखी बढ़ोतरी हैरान करने वाली है जबकि भारत सरकार विदेशों में कालाधन रखने वालों के खिलाफ अभियान चलाए हुए है। स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के सालाना आंकड़ों के अनुसार स्विस बैंक खातों में जमा भारतीय धन 2016 में 45 प्रतिशत घटकर 67.6 करोड़ फ्रेंक (लगभग 4500 करोड़ रुपये) रह गया। यह राशि 1987 से इस आंकड़े के प्रकाशन की शुरुआत के बाद से सबसे कम थी। एसएनबी के आंकड़ों के अनुसार भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में सीधे तौर पर रखा गया धन 2017 में लगभग 6891 करोड़ रुपये (99.9 करोड़ फ्रेंक) हो गया। प्रतिनिधियों या धन प्रबंधकों के जरिए रखा गया धन इस दौरान 112 करोड़ रुपये (1.62 करोड़ फ्रेंक) रहा। इस बीच गोयल ने यह भी कहा है कि पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदांबरम के कार्यकाल में उदारीकरण की नीति अपनाई गई जिसके तहत विदेश के बैंकों में रखी जाने वाली राशि की सीमा में 40 फीसदी का इजाफा कर दिया गया था जिसके चलते कालेधन की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है।


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