सीबीडीटी का आदेश, आयकर विभाग 3 लाख कंपनियों की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में करे जांच
नई दिल्ली, 29 मार्च (हि.स.)। आयकर विभाग नोटबंदी के दौरान कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में करीब 3 लाख कंपनियों के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की जांच करेगा। ये आदेश सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग के अधिकारियों को दिया है। सीबीडीटी ने अपने आदेश में कहा है कि नोटबंदी के दौरान रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के रिकॉर्ड से हटाई गई कंपनियों के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की जांच की जानी चाहिए। मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स ने काले धन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इन कंपनियों की मान्यता रद्द कर दी थी।
इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है रद्द
गौरतलब है कि संदिग्ध लेन-देन की वजह से इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है। सीबीडीटी ने अधिकारियों को इन कंपनियों के पिछले दो सालों से अधिक के लेन-देन की जांच करने को कहा है। आयकर विभाग को इस बात का संदेह है कि इन कंपनियों में से अधिकांश ने अपने कॉरपोरेट ढांचे का इस्तेमाल नोटबंदी के दौरान नकदी को जमा करने के लिए किया।
सीबीडीटी ने आयकर विभाग को जारी किए निर्देश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आयकर विभाग को सीबीडीटी ने जो आधिकारिक नोट में निर्देश जारी किए हैं, उसमें कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इन कंपनियों के संभावित इस्तेमाल को रोकने के लिए बोर्ड चाहता है कि अधिकारी इन कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को रद्द किए जाने की प्रक्रिया और नोटबंदी के दौरान बैंकों से इनके जमा और निकासी रकम के बारे में छानबीन करें।
मनी लॉन्ड्रिंग मामला जाएगा ईडी के पास
रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बोर्ड के पास ऐसी कंपनियों के टैक्स चोरी में शामिल होने के सबूत हैं। ऐसा साबित हो जाने के बाद विभाग मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के मामले में इनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। अधिकारी ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों को जांच के लिए ईडी के पास भेजा जाएगा। सीबीडीटी ने अधिकारियों से इन कंपनियों के बारे में मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स से जानकारी जुटाने के लिए कहा है। इसके साथ ही उनके इनकम टैक्स रिटर्न और बैंकों के साथ किए गए उनके फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के बारे में भी छानबीन करने के लिए कहा है।
नोटबंदी के दौरान 100 अरब का संदिग्ध लेन-देन
रिपोर्ट्स के मुताबिक आयकर विभाग को नोटबंदी के दौरान इन कंपनियों के जरिए 100 अरब रुपये के हवाला लेन-देन का संदेह है। गौरतलब है कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार करीब 35 हजार कंपनियों ने नोटबंदी के दौरान 170 अरब रुपये से अधिक की रकम बैंकों में जमा किया और उसकी निकासी की। इस काम के लिए 60 हजार से अधिक बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया गया।