साल 2005 से लगातार राज्य के विकास के लिए कर रहे हैं काम:सीएम

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-अगर समाज के सुधार के लिए काम नहीं होगा तो विकास का कोई मतलब नहीं
पटना/मुजफ्फरपुर, 29 दिसंबर (हि.स.)।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को अपने समाज सुधार अभियान के क्रम में मुजफ्फरपुर पहुंचे। इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश की जिम्मेवारी मिली है तब से आज तक बिहार के विकास के लिए काम किया है । साल 2005 के नवंबर माह में आप लोगों ने मुझे इस राज्य का दायित्व दिया था। तबसे लेकर आज तक इन 16 साल में सबके लिए काम किया है। आगे भी विकास करेंगे। अगर समाज के सुधार के लिए काम नहीं होगा तो विकास का कोई मतलब नहीं रह जाता है।
सीएम ने कहा कि हमने समाज के उस व्यक्ति हर उस व्यक्ति के लिए काम किया जो सबसे पिछड़े थें। चाहे वह महिलाओं के लिए हो, या फिर एससी-एसटी और अल्पसंख्य सबके लिए काम किया। महिलाओं के उत्थान के लिए हमने 2006 में पंचायत में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया। पढ़ाई के लिए और सब कुछ के लिए काम किया।उन्होंने कहा कि कुछ अधिक पढ़े-लिखे लोग इस समाज सुधार अभियान खासकर शराबबंदी के विरोध में बात करते हैं। वे करते रहें। इस तरह के लोगों की संख्या बहुत कम है।यदि कोई दारू पीना चाहता है तो वह बिहार से दूर ही रहे तो बेहतर है। यहां आने पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
सीएम ने कहा कि कुछ काबिल लोग शराब की पैरवी करते हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि शराब कैसे अच्छी चीज है। राष्ट्रपिता बापू ने कहा था कि शराब पैसा के साथ बुद्धि भी हर लेता है। वह इंसान को हैवान बना देता है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट भी कहती है कि शराब पीने से 30 लाख लोग दुनिया में मरते हैं। 20 से 39 साल के 13.5 प्रतिशत युवाओं की मौत शराब से होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्एचओ) ने साल 2018 की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 200 तरह की बीमारियां शराब पीने से होती हैं। ऐसे में कोई कैसे शराब की पैरवी कर सकता है। उन्होंने जीविका दीदियों से शराब के खिलाफ आंदोलन जारी रखने को कहा। यह कहा, गड़बड़ करने वालों को पहले समझाइए। नहीं मानें तो टाल फ्री नंबर पर बताइए। गड़बड़ी करने वाला कोई नहीं बचेगा।
मुख्यमंत्री ने दहेज प्रथा की समाप्ति को लेकर भी समाज को आगे आने का आह्वान किया। कहा, कोई रिश्तेदार भी दहेज लेकर बेटा की शादी करे तो उसमें मत जाइए। उन्होंने खुद ऐसी शादी में शामिल नहीं होने के संकल्प को दोहराया। बाल विवाह को बच्चियों के विकास में बाधक बताया। कहा, बच्चियों को पहले बेहतर शिक्षा दें। उसकी इज्जत करें। क्योंकि महिला के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। कोई भी घरती पर आया है तो उसके पीछे एक मां ही है। जीविका दीदियों को ऐसी शादी रोकने के लिए अभियान जारी रखने का आह्वान किया। इससे पहले सीएम ने पांच जीविका दीदियों के अनुभव सुने। उनके कार्य की प्रशंसा भी की।


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