सर्दियों में पशुओं की करें विशेष देखभाल, रात में ढककर रखें पशुशाला : डाॅ. पीके उपाध्याय
नाक व आंखों से पानी आना सर्दी के हैं लक्षण
कानपुर, 29 दिसम्बर (हि.स.)। मौसम में रोजाना बदलाव हो रहे हैं और दिनों दिन सर्दी बढ़ती जा रही है। ऐसे में पशुओं को सर्दी से बचाने के लिए विशेष देखभाल की जरूरत है। खासकर दुधारू पशुओं में राशन की बढ़ोत्तरी की जाए और पशुशाला को रात में ढककर रखा जाये। यह बातें बुधवार को सीएसए के वैज्ञानिक डाॅ. पीके उपाध्याय ने कही।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पीके उपाध्याय ने पशु पालकों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि सर्दियों में पशुओं के बचाव के लिए अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। जिससे पशुओं का स्वास्थ्य सही रखने के साथ ही साथ दुग्ध उत्पादन पर भी प्रभाव न पड़े। डॉ. उपाध्याय ने बताया कि पशुपालकों को इस समय सचेत रहने की आवश्यकता है इसके अतिरिक्त यदि पशुओं के नाक व आंखों से पानी आ रहा हो तथा पशु को सांस लेने में परेशानी हो रही हो व पशु कांपने लगा है तो पशुपालक को समझ लेना चाहिए कि पशुओं को निश्चित रूप से सर्दी लग गई है। उन्होंने सलाह दी है कि पशुओं को सीधी सर्दी से बचाने के लिए पशुओं को ऐसे स्थान पर रखें कि पशु को सीधे हवा का असर न हो। पशुशाला के हमेशा दरवाजे व खिड़कियों पर जूट के बोरे या प्लास्टिक के पर्दे लगा दें।
उन्होंने सावधान करते हुए बताया कि रात में पर्दे गिरा कर रखें व दिन में पर्दे समेट दें। जिससे दिन में पशुओं को सीधे सूर्य की धूप मिलेगी। पशुशाला में अधिक से अधिक गर्माहट रखी जाए। डॉक्टर उपाध्याय ने कहा है कि पशुशाला की साफ-सफाई तथा 2 या 3 दिन पर कीटाणु नाशक से धुलाई करें। पशुओं को सर्दी में अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है इसके लिए 300 ग्राम गुड प्रति पशु प्रतिदिन अवश्य खिलाएं तथा हमेशा पशुओं को ताजा पानी पिलाएं ठंडा पानी कदापि न दें। इसके अतिरिक्त एक किलो अतिरिक्त दाना की भी आवश्यकता होती है। यदि पशुओं में अफरा रोग हो जाता है तो पशुओं को 400 से 500 ग्राम सरसों का तेल तथा 50 से 60 मिलीलीटर तारपीन का तेल पिलाने से आराम मिलता है। उन्होंने कहा पशुओं में यदि कोई समस्या हो तो निकटतम पशु चिकित्सक से अवश्य परामर्श करें।