शिमला के रण में सैन्य पृष्ठभूमि के उम्मीदवार आमने-सामने
शिमला, 16 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश की एकमात्र आरक्षित शिमला लोकसभा सीट पर एक दशक से भाजपा का कब्जा है। इस बार भाजपा ने पच्छाद से विधायक सुरेश कश्यप को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकबाला कांग्रेस के धनीराम शांडिल से होगा। शांडिल दो बार इस सीट से कांग्रेस सांसद रह चुके हैं। वर्तमान में वह सोलन से कांग्रेस विधायक हैं।
भाजपा ने वर्ष 2009 और 2014 दो बार सांसद रहे वीरेंद्र कश्यप का टिकट काट दिया है। दोनों सैन्य पृष्ठभूमि के हैं।
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों ने इस सीट पर सैन्य पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों पर दांव खेला है। कांग्रेस के धनीराम शांडिल भारतीय सेना में कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हैं। भाजपा के सुरेश कश्यप ने 17 वर्ष भारतीय वायु सेना में सेवाएं दी हैं। शांडिल की गिनती कांग्रेस के अनुभवी एवं वरिष्ठ नेताओं में होती है तो कश्यप ने भाजपा के युवा नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। वह पच्छाद में कांग्रेस के कद्दावर नेता गंगूराम मुसाफिर को हराकर लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव वह पहली लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस के धनीराम शांडिल चौथी बार लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो सुरेश कश्यप इस सीट के लिए नए उम्मीदवार हैं। इस कारण उन्हें ज्यादा मेहनत की आवश्यकता है। कांग्रेस उम्मीदवार धनीराम शांडिल को उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण लाभ मिल सकता है।
भाजपा उम्मीदवार सुरेश कश्यप को विश्वास है कि शिमला सीट पर भाजपा अपनी जीत का सिलसिला जारी रखेगी। शिमला के मतदाता मोदी सरकार द्वारा पांच वर्ष में किए गए विकास कार्य से संतुष्ट हैं। इसलिए फिर से भाजपा पर भरोसा जताएंगे।
कश्यप के मुताबिक शिमला के लंबित मामलों की पैरवी की जाएगी। सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा दिलाने और नेशनल हाइवे निर्माण में तेज़ी लाने के मुद्दे उनकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
कांग्रेस उम्मीदवार धनीराम शांडिल का कहना है कि सांसद बनने पर वह शिमला में सड़कों की खस्ता हालत एवं गिरिपार को जनजातीय दर्जा देने, संसदीय क्षेत्र में पर्यटन और रेलवे निर्माण के ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे।
उल्लेखनीय है कि शिमला सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस सीट के अंतर्गत शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों की 17 विधानसभा सीटें आती हैं। इस क्षेत्र में कांग्रेस नौ बार चुनाव जीत चुकी है। यहां कुल-12,23,290 मतदाता हैं। इनमें पुरुषों 633544 जबकि महिलाएं मतदाता की संख्या 589712 है।
यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा संसदीय क्षेत्र है, जिस पर कांग्रेस के सांसद ने लगातार छह बार जीत हासिल की थी। कांग्रेस के कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी ने वर्ष 1980 से 1998 तक लगातार छह बार सांसदे चुने गए। वर्तमान में वीरेंद्र कश्यप यहां से सांसद हैं। 2014 में वीरेंद्र ने कांग्रेस उम्मीदवार मोहन लाल ब्राक्टा को करीब 84 हजार मतों से पराजित कर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी। जबिक 2009 में वीरेंद्र कश्यप ने कांग्रेस के धनीराम शांडिल को 26 हज़ार वोटों से हराया था।