विदूषक राजकुमार’ राहुल गांधी को कब तक बर्दाश्त करेगा देशः अरुण जेटली

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नई दिल्ली, 20 सितम्बर (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को राहुल गांधी को ‘विदूषक राजकुमार’ (क्लाउन प्रिंस) की संज्ञा देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राफेल विमान सौदे और डूबे हुए कर्ज के बारे में लगातार झूठ बोल रहे हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि देश के राजनीतिक जीवन में ऐसे व्यक्ति को कब तक बर्दाश्त किया जाए ।
जेटली ने ‘विदूषक राजकुमार’ शीर्षक से आज लिखे गए अपने ब्लॉग में तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राजनीतिक संवाद एक गंभीर मामला है, जिसमें गलतबयानी के लिए जगह नहीं है। लोकतांत्रिक देशों में जो नेता बार-बार झूठ बोलता है, उसे बेनकाब किया जाता है तथा ऐसे व्यक्ति को राजनीति से वनवास भेज दिया जाता है।
भाजपा नेता ने कहा कि राफेल युद्धक विमान की खरीद के बारे में राहुल ने मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं तथा उन्हें बार-बार दोहराकर सच साबित करने की कोशिश की है। जेटली ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष से 15 सटीक सवाल पूछे थे, जिनमें से किसी एक का भी उत्तर नहीं दिया गया। इसके बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष का झूठा प्रलाप जारी रहा।
वित्तमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष के इस आरोप को झूठा बताया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश के 15 उद्योगपतियों का 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का कर्जा माफ कर दिया। इस आरोप का एक-एक शब्द झूठा है। उन्होंने कहा कि हकीकत ये है कि मनमाने तरीके से कर्ज देकर पूर्व की मनमोहन सरकार ने बैंकों पर डूबे कर्जों (नॉन परफार्मिंग एसेट-एनपीए) का बोझ डाल दिया। कांग्रेस सरकार की ओर से कहा गया कि उसके कार्यकाल में डूबे कर्जे की धनराशि 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपए थी। इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जब आंकलन किया तो डूबे कर्जे की धनराशि 8 लाख 96 हजार करोड़ रुपए पाई गई। डूबे कर्जे की हकीकत को छिपाने के लिए मनमोहन सरकार ने कर्जदारों को नए कर्जे देकर मूल ब्याज चुकता करने की सुविधा दी, जिससे हकीकत पर पर्दा पड़ा रहा।
वित्तमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में कोई भी कर्ज नही डूबा। इसके विपरीत सरकार ने डूबे कर्जों की वसूली के लिए दिवालिया कानून के जरिए प्रभावी कानूनी उपाय किए। इन उपायों के जरिए कर्जा लेने वाले प्रमुख 12 उद्योगपतियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई। कर्ज देने वाले बैंक अब अपनी धनराशि की वसूली कर सकेंगे।
जेटली ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी झूठ बोलने के आदी हैं, जिससे ये सवाल पैदा होता है कि क्या ऐसे व्यक्ति को सार्वजनिक जीवन में रहने का अधिकार है या नहीं। अन्य देशों में जो नेता झूठ बोलते पकड़ा जाता है उसे राजनीति से विदा होना पड़ता है लेकिन काग्रेंस के वंशवादी राजनीति के कारण राहुल पर यह लागू नहीं होता।
भाजपा नेता ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में होने वाला संवाद कोई हास्य सम्मेलन नहीं है। यह किसी के गले से चिपकना, आंख मारना या बार-बार झूठ बोलने का उपक्रम नहीं है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को यह सोचना होगा कि क्या एक ‘विदूषक राजकुमार’ को सार्वजनिक जीवन को प्रदूषित करने की अनुमति दी जा सकती है।


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