विजय संकल्प रैली को लेकर राज्य भर में भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस में संघर्ष

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कोलकाता, 03 मार्च (हि. स.)। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए संकल्प लेने हेतु रविवार को प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा की ओर से राज्य भर में निकाली गई “विजय संकल्प रैली” कोलकाता समेत हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया, बीरभूम जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हिंसक संघर्ष हुआ है। भाजपा का आरोप है कि पार्टी की बाइक रैली को रोकने के लिए पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से रैली में शामिल लोगों को बाइक चेक करने के बहाने गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है। कई जगहों पर भाजपा के शीर्ष नेताओं के घर के बाहर पुलिस को तैनात कर दिया गया है तो कई जगहों पर जबरदस्ती रूट बंद कर दिया गया है।
राज्य के सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों पर रविवार को भाजपा की ओर से विजय संकल्प बाइक रैली निकाली गई है। कोलकाता में 50 से अधिक जगहों से यह रैली निकली है। जोड़ाबागान काकुड़गाछी, बड़ाबाजार, जादवपुर आदि क्षेत्रों में पुलिस ने भाजपा की बाइक रैली को रोक दिया है। हालांकि इसकी वजह से पुलिस कर्मियों और भाजपा कार्यकर्ताओं में हाथापाई भी हुई है जिसके बाद कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उल्टाडांगा में बाइक रैली को पुलिस की गाड़ियों ने रखेदा है जिसकी वजह से दुर्घटना होते-होते बची है। भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि गाड़ी का लाइसेंस और सबकुछ वैध कागजात होने के बावजूद पुलिस वाले गैरकानूनी तरीके से उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि राज्य भर में उच्च माध्यमिक परीक्षा चल रही है इसीलिए भाजपा की बाइक रैली को अनुमति नहीं दी गई है। जबकि भाजपा का कहना है कि रविवार को कोई परीक्षा है ही नहीं, सोमवार को भी नहीं है। ऐसे में रैली को अनुमति नहीं देने का कोई औचित्य नहीं है। विधाननगर दक्षिण के मंडल उपाध्यक्ष इंद्रजीत प्रसाद सिंह के घर के बाहर रात से ही पुलिस तैनात कर दी गई थी ताकि वह रैली में शामिल नहीं हो सके। विधाननगर उत्तर मंडल के अध्यक्ष प्रभाकर मंडल को शनिवार रात को ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इस क्षेत्र में कम से कम 1500 से दो हजार की संख्या में सिविक पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है ताकि भाजपा की रैली ना निकल सकें। पार्टी के महासचिव सायंतन बसु ने बताया कि कोलकाता पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा को पार्टी की ओर से चिट्ठी देकर बाइक रैली के बारे में जानकारी दी गई है। लाल बाजार स्थित पुलिस मुख्यालय में पांच बार आवेदन किया गया है लेकिन उच्च माध्यमिक की परीक्षा का हवाला देकर पुलिस ने अनुमति देने से इन्कार कर दिया। यहां तक कि विंग कमांडर अभिनंदन कि वतन वापसी का जश्न मनाने की अनुमति नहीं दी गई। भाजपा ने यहां तक कहा कि हमलोग पार्टी का कोई झंडा बैनर नहीं लेंगे लेकिन फिर भी हमें रैली निकालने की अनुमति नहीं दी गई।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राजू बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो गया है। विपक्ष की पार्टियों का लोकतांत्रिक अधिकार पूरी तरह से ममता बनर्जी की तानाशाह सरकार ने खत्म कर दिया है। इधर सुबह 9:30 बजे के करीब दुर्गापुर में बाइक रैली का उद्घाटन करने दिलीप घोष पहुंचे थे लेकिन पुलिस ने रैली को निकालने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद वहां हालात बेहद हिंसक हो गए। पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच जमकर संघर्ष हुआ। दोनों तरफ से ईंट पत्थर बरसे हैं। हालात को देखते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और परिस्थिति को संभालने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती करनी पड़ी। बीरभूम के मयूरेश्वर में भी पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष हुआ है। पश्चिम मेदिनीपुर में भी कई जगहों पर भाजपा और पुलिस के बीच हाथापाई हुई है। आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ताओं की रैली को पुलिस ने सामने से बैरिकेडिंग कर दिया था ताकि रैली निकल ना सके। यहां भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुए हिंसक संघर्ष में डीएसपी रैंक का एक अधिकारी भी घायल हो गया है। ग्वालतोड़ में इसी तरह के हिंसक परिस्थिति बनी है। बाइक रैली रोकने के आरोप में उत्तर 24 परगना के खरदह में भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव किया है। 


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