लोकसभा चुनाव के पहले विपक्षी नेताओं पर केन्द्र शिकंजा कसने की तैयारी में
नई दिल्ली, 26 जून (हि.स.)। आगामी चुनावों के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने विपक्षी नेताओं पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार संबंधित विभाग ने सीबीआई और ईडी से सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं के भ्रष्टाचार संबंधी मामलों की जांच रिपोर्ट चार माह में देने को कहा है।
सूत्रों ने बताया कि ऐसा निर्देश दिया गया है कि प्रमुख विपक्षी नेताओं-कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, इनके दामाद राबर्ट वाड्रा, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पी. चिदम्बरम, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख व प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व उनके तमाम मंत्री, पार्टी पदाधिकारी, रांकापा प्रमुख शरद पवार, उनके भतीजे अजीत पवार, उनकी पार्टी के प्रफुल्ल पटेल, जद (एस) नेता व कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमार स्वामी, सपा के मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, बसपा की मायावती, उनके भाई आनंद, रालोद के अजीत सिंह, तेदेपा के चन्द्रबाबू नायडू, राजद के तेजस्वी, राबड़ी, मीसा सहित इन सभी की पार्टी के तमाम उन नेताओं, जिन पर आय से अधिक सम्पत्ति या किसी अन्य तरह के भ्रष्टाचार के मामलों के आरोप हैं, सभी मामले में जांच प्रगति, उसकी वर्तमान स्थिति व जांच रिपोर्ट चार माह में देने को कहा गया है, ताकि आगे उस पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।
सूत्रों का कहना है कि जिन मामलों में सीबीआई व ईडी अफसरों ने अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं दी है, उनसे इसका कारण पूछा गया है। कौन सीबीआई या ईडी जांच अधिकारी, इन विपक्षी नेताओं से संबंधित किस फाइल को कबसे लेकर बैठा हुआ है, क्यों बैठा हुआ है, अभी तक क्या जांच किया है, इस सबकी डिटेल रिपोर्ट मांगी गई है। इसके लिए सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना अलग-अलग जोन में जाकर सीबीआई अफसरों की बैठक करके जांच जल्दी से जल्दी पूरा करके रिपोर्ट देने का निर्देश दे रहे हैं। वह हाल ही में कोलकाता गये थे।
ईडी के सबसे बड़े अफसर भी देश के विभिन्न शहरों में दौरा करके प्रमुख विपक्षी नेताओं के भ्रष्टाचार के आरोप के मामले की जांच पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। हालत यह है कि कई मामलों में तो ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर को ही हूबहू उतारकर केस दर्ज कराया है। एअर एशिया मामले में ऐसा ही हुआ है। इस बारे में कांग्रेस और तृणमूल के नेताओं का कहना है कि केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव के पहले विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए यह सब किया जा रहा है। ताकि विपक्षी नेताओं को सीबीआई व ईडी वाले पूछताछ के लिए बुलाते रहें, कुछ को हिरासत में डाल दें, यह सब लगातार मीडिया में खबर बनती रहे। कुछ विपक्षी नेता जेल जाने के डर से गठबंधन नहीं करें, चुनाव में विपक्षी एकजुट होकर भाजपा के विरुद्ध अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं करें। इस योजना के तहत केन्द्र की भाजपा सरकार व उसके हुक्मरान यह सब कर रहे हैं।
इस बारे में उप्र कांग्रेस पदाधिकारी अनिल श्रीवास्तव का कहना है कि केन्द्र में 4 साल से मोदी राज है, इस 4 साल में कुछ क्यों नहीं किये। अब तक कुछ नहीं किये तो अब लोकसभा चुनाव के पहले विपक्षी नेताओं को डराने के लिए यह कर रहे हैं, ताकि विपक्षी दल एकजुट हो गठबंधन नहीं करें। मोदी सरकार एक तरफ यह कर रही है, दूसरी तरफ ललित मोदी, विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल भाई को भगा दिये। ये तो इन्ही के राज में हुआ है।
लगभग 11हजार करोड़ रुपये का घोटालेबाज गुजराती नीरव मोदी का पासपोर्ट तो फरवरी 2018 में ही नरेन्द्र मोदी की सरकार ने निरस्त करवा देने का दावा किया था। फिर वही नीरव मोदी कैसे जून 2018 में भी एक देश से दूसरे देश में हवाई जहाज से, ट्यूब मेट्रो से यात्रा करता रहा है और कैसे लंदन में अपनी मंहगी हीरे-जवाहरात की दुकान के ऊपर बने अति मंहगे फ्लैट में ऐश कर रहा है, ठाठ से रह रहा है?