लोकसभा चुनाव के पहले दिल्ली में हथियारों की खेप लेकर पहुंचे दो तस्कर गिरफ्तार

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नई दिल्ली, 03 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में हथियारों की एक बड़ी खेप लेकर पहुंचे एक गिरोह के दो तस्करों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रोहिणी इलाके में गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से 52 सेमी आटोमैटिक पिस्टल बरामद हुई है। पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपित हथियारों की यह खेप कार में रखकर मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से लेकर दिल्ली आए थे और इन्हें दिल्ली-एनसीआर और पानीपत हरियाणा के गैंगस्टर को सप्लाई किया जाना था।
गिरफ्तार आरोपितों की पहचान आमरिकन सिंह और शीतल सिंह के रूप में हुई हैं। दोनों मध्य प्रदेश के बडवानी इलाके के रहने वाले हैं।
पुलिस के अनुसार दोनों तस्कर पिछले करीब तीन-चार सालों से मध्य प्रदेश से हथियार की तस्करी कर दिल्ली-एनसीआर में हथियारों की सप्लाई कर रहे थे। इनके पास से पुलिस ने वह कार, जिसमें हथियार लेकर दिल्ली पहुंचे थे और मोबाइल फोन व सिम भी बरामद किए हैं।
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने पिछले कुछ समय से मध्य प्रदेश के खरगौन, धार व बुरहानपुर और बिहार के मुंगेर इलाके से हथियारों की खेप लेकर दिल्ली-एनसीआर आने वालों पर पैनी नजर गड़ा रखी है। पिछले करीब डेढ़ सालों से इन इलाकों के करीब 50 से ज्यादा तस्करों को गिरफ्तार कर करीब एक हजार से ज्यादा हथियार भी बरामद कर चुकी है।
इसी क्रम में पुलिस टीम को यह सूचना मिली मध्य प्रदेश से हथियार की एक बड़ी खेप लेकर कुछ तस्कर रोहिणी इलाके में आने वाले हैं।
सूचना के आधार पर पुलिस की एक टीम को इन तस्करों के पीछे लगा दिया गया। 31 मार्च की देर रात को रोहिणी सेक्टर-15 इलाके में आलोक कुंज के पास जैसे ही कार में सवार होकर दोनों बदमाश पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया। हालांकि पुलिस को देख इन्होंने भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने पीछा कर इन्हें धर दबोचा।
दस साल से सक्रिय
पूछताछ में दोनों तस्करों ने यह खुलासा किया कि ये पिछले 10 साल से हथियार बनाने व उसकी सप्लाई करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि हथियार बनाना व उसकी तस्करी करना इनका पैतृक पेशा है, जिसमें इनका परिवार पिछले करीब आठ दशकों से लिप्त है। इन्होंने यह भी बताया कि इनके गांव के ज्यादातर लोग हथियार तस्करी में लिप्त हैं।
पुलिस के अनुसार अमरिकन का हथियार सप्लाई करने का नेटवर्क है, जबकि शीतल सिंह किसी भी तरह के हथियार बनाने में माहिर है। इस कारण दोनों मिलकर हथियारों की तस्करी का धंधा करते हैं और ये खासतौर से गैंगस्टर को इसकी सप्लाई करते हैं।
दिल्ली बनी हथियार तस्करी का ट्रांजिट प्वाइंट
देश की राजधानी दिल्ली अवैध हथियारों की तस्करी में एक बड़ा ‘ट्रांजिट प्वाइंट’ बन गई है। पिछले कुछ वर्षों में हथियार तस्करी के मामलों में 50 फीसदी से ज्यादा की दर से मामले बढ़े हैं। अवैध रूप से हथियार रखने से लेकर उसकी तस्करी करने के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यही कारण है कि हथियार तस्करों के खिलाफ पुलिस को अभियान छेड़ना पड़ा, जिसके तहत बड़े पैमाने पर तस्करों व निर्माताओं की धर-पकड़ तो की ही गई और गिरफ्तारी का आंकड़ा भी 50 फीसदी को पार कर गया। चौंकाने वाली बात यह है कि साल-दर-साल यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।
कौन कौन से हथियारों की होती तस्करी
तस्करी के हथियारों में कार्बाइन, आटोमैटिक पिस्टल, रिवाल्वर, डबल बैरल गन, सिंगल बैरल गन प्रमुख हैं।

 


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