लोकपाल बनने के योग्य लोगों की सूची 28 फरवरी तक दे सर्च कमेटी: सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली, 17 जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल सर्च कमेटी से 28 फरवरी तक लोकपाल बनने के योग्य लोगों की सूची प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सेलेक्शन ो देने का निर्देश दिया है। कानून के मुताबिक सेलेक्शन कमेटी, सर्च कमेटी की तरफ से रखे गए योग्य लोगों की सूची में से सबसे योग्य व्यक्ति का चयन करती है। इस मामले पर अगली सुनवाई 7 मार्च को होगी।
कोर्ट ने केन्द्र से सर्च कमेटी को काम करने के लिए ढांचागत संसाधन मुहैया कराने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने जब लोकपाल सेलेक्शन कमेटी के कामकाज में पारदर्शिता पर सवाल उठाया तो चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि ‘मिस्टर भूषण, हर बात को नकारात्मक रूप से नहीं देखना चाहिए। चीजों को सकारात्मक रूप से देखना शुरू कीजिए, दुनिया खूबसूरत लगने लगेगी।’
पिछले 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से लोकपाल की नियुक्ति को लेकर उठाए गए कदम की जानकारी आज तक देने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में काफी देर हो चुकी है। कोर्ट ने पूछा था कि सर्च कमेटी में देरी क्यों हो रही है।
24 जुलाई,2018 को सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल सर्च कमेटी का गठन नहीं होने पर नाराज़गी जताई थी। सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया था कि एक्ट के मुताबिक सर्च कमेटी का सदस्य बनने योग्य लोगों को चुनने में समय लगेगा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट अपनी तरफ से सर्च कमेटी बनाए, लोकपाल नियुक्त करे।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया था, उसमें लोकपाल की नियुक्ति की समय सीमा नहीं बताई गई थी। सरकार ने कहा था कि लोकपाल के चयन के लिए पहले सर्च कमेटी बनानी होगी। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव ने हलफनामा दायर कर कहा था कि चयन समिति को सात सदस्यीय सर्च कमेटी का मनोनयन करना होगा। सर्च कमेटी के गठन के बाद वो अपनी प्रक्रिया तय करेगी। उसके बाद सर्च कमेटी को एक तय समय सीमा में लोकपाल के लिए उम्मीदवारों के नाम की अनुशंसा करनी होगी। हलफनामे में कहा गया था कि चूंकि अभी सर्च कमेटी का गठन नहीं हुआ है, इसलिए लोकपाल की नियुक्ति के लिए टाइमफ्रेम बताना मुश्किल है।


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