रेलवे टेंडर घोटाला: एक माह में दस्तावेज सौंपे सीबीआई

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नई दिल्ली, 01 जून (हि.स.)। रेलवे टेंडर घोटाला मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत 14 लोगों के खिलाफ दायर मामले में सुनवाई के दौरान आज सीबीआई ने कहा कि इस मामले के एक अभियुक्त वीके अग्रवाल के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए जरूरी अनुमति नहीं मिली है। तब कोर्ट ने सीबीआई को एक महीने के अंदर जरुरी अनुमति लेकर दस्तावेज सौंपने का निर्देश दिया। पटियाला हाउस कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को करेगा। पिछले 9 मई को कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो तीन हफ्ते में संबंधित विभागों से अनुमति ले ले। लेकिन सीबीआई आज तक जरूरी अनुमति नहीं ले सकी। पिछले 20 अप्रैल को कोर्ट ने सीबीआई को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि उसने दस्तावेजों को जमा करने के लिए अनुमति नहीं ली थी। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि हमें दस्तावेजों को सौंपने के लिए संबंधित विभागों से अनुमति लेना है। तब कोर्ट ने सीबीआई को फटकारते हुए कहा कि जब तक दस्तावेज नहीं सौंपे जाएंगे तब तक संज्ञान नहीं लिया जाएगा। रेलवे टेंडर घोटाला मामले में तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपितों पर आईपीसी की धारा 420, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलमंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया और होटलों की देखभाल के लिए टेंडर जारी किये थे। रांची और पुरी के दो होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को ट्रांसफर कर दिया था । इस मामले में लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक आरके गोयल और आईआरसीटीसी के तत्कालीन निदेशक राकेश सक्सेना के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है।


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