राहुल ने पीएम को लिखा पत्र, कहा- संसद में महिला आरक्षण बिल लाएं, कांग्रेस समर्थन करेगी

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नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.) । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 18 जुलाई से 10 अगस्त तक चलने वाले संसद के मानसून सत्र में महिला आरक्षण बिल को लाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसके साथ ही राष्ट्रीय महिला कांग्रेस ने इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया है।
राहुल ने संसद और राज्य विधानमंडलों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आने वाले मानसून सत्र में महिला आरक्षण बिल को सुनिश्चित करने में समर्थन दें। संसद में महिला आरक्षण बिल लाएं, कांग्रेस पूरा समर्थन करेगी। अगर यह बिल नहीं आया तो कांग्रेस प्रदर्शन करेगी।’
इस पत्र को साझा करते हुए राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘संसद के आगामी मॉनसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराना सुनिश्चित करने के लिए आपका समर्थन पाने के लिए मैं यह पत्र लिख रहा हूं। मैं विपक्षी दलों से अनुरोध करता हूं कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर सत्र में इस बिल को समय दे, कांग्रेस इस बिल को बिना शर्त समर्थन प्रदान करेगी।’
वहीं इस मसले पर लोकसभा सदस्य और राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रैलियों में महिला सशक्तिकरण के लिए लंबे-चौड़े भाषण देने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले चार साल में कुछ नहीं किया। अपने घोषणा-पत्र में 35 फीसदी महिला आरक्षण का प्रावधान रखने वाले मोदी ने इस बारे में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) अध्यक्ष सोनिया द्वारा पत्र भेजने के बाद भी कुछ नहीं किया।
सुष्मित देव ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज 21 राज्यों में भाजपा की सरकार है। प्रधानमंत्री मोदी बताएं कि उनमें से कितने राज्यों में फास्ट ट्रैक कोर्ट है। हम आने वाले मानसून सत्र में महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को पूरे देश में लेकर जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर महिला आरक्षण बिल को राजनीति से ऊपर रखते हुए आगामी मानसून सत्र में ससंद के पटल पर रखने का निवेदन किया। साथ ही, कांग्रेस के पूर्ण सहयोग का भी भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। घरेलू उत्पादों की बढ़ती कीमतों ने महिलाओं के लिए मुश्किल पैदा की है। निर्भया मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा मुद्दा बनाकर रैलियां की थीं, परंतु कठुआ और उन्नाव के समय वो मौन थे। महिला सुरक्षा पर समान रवैया होना चाहिए। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी ने औरतों के उद्धार के नाम पर बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हर बच्ची के लिए मात्र पांच पैसे का आवंटन किया गया है। उल्लेखनीय है कांग्रेस ये मुद्दा 2017 मुद्दा उठा चुकी है। सितंबर 2017 में कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर महिला आरक्षण बिल को पास कराने की मांग की थी। वर्ष 2010 में महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पास हुआ था, लेकिन लोकसभा में ये बिल उस समय पास नहीं हो पाया था।


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