राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिये मोदी सरकार ने पेश किया पांच साल का रिपोर्ट कार्ड
नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही गुरुवार को संसद के बजट सत्र की शुरूआत हो गई। राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने 5 साल का रिपोर्ट कार्ड देश के सामने पेश किया। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में मोदी सरकार के कामकाज का ब्यौरा पेश करते हुए केंद्रीय योजनाओं और उनके लाभ के बारे में देश को बताया। उन्होंने अपने अभिभाषण में बताया कि किस तरह पिछले साढ़े चार साल में सरकार की योजनाओं ने आम आदमी के जीवन में बड़ा बदलाव किया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार की उपलब्धियों का बिंदूवार जिक्र किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए की। राष्ट्रपति ने कहा कि 2014 के आम चुनाव से पहले देश एक अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा था| चुनाव के बाद उनकी सरकार ने एक ऐसे नए भारत के निर्माण का संकल्प लिया जहां व्यवस्थाओं में अधूरापन न हो।
राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार का ध्येय था कि सभी देशवासियों का जीवन सुधरे। उनकी सरकार के लक्ष्य को देश के गरीबों ने तय किया| इसी सोच ने उनकी सरकार को आगे बढ़ाया। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जिक्र करते हुए कहा कि उनके अन्त्योदय का लक्ष्य यही था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने देशवासियों का विश्वास जीता है।
नौ करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण
शौचालय की सुविधा का न होना करोड़ों देशवासियों, विशेषकर हमारी बहू-बेटियों को गरिमाहीन और अस्वस्थ जीवन जीने के लिए मजबूर करता था। स्वच्छ भारत अभियान के तहत 9 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ है। इस जन आंदोलन के कारण आज ग्रामीण स्वच्छता का दायरा बढ़कर 98 प्रतिशत हो गया है, जो कि वर्ष 2014 में 40 प्रतिशत से भी कम था।
उज्ज्वला योजना के तहत 6 करोड़ गैस कनेक्शन
सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 6 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए हैं। दशकों के प्रयास के बाद भी वर्ष 2014 तक हमारे देश में केवल 12 करोड़ गैस कनेक्शन थे। बीते केवल साढ़े चार वर्षों में मेरी सरकार ने कुल 13 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन से जोड़ा है।
आयुष्मान भारत
कोविंद ने कहा कि हम इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि बीमारी के इलाज का खर्च, किसी गरीब परिवार को और भी गरीब बनाता है। इस पीड़ा को समझने वाली मेरी सरकार ने, पिछले वर्ष ‘आयुष्मान भारत योजना’ शुरू की। विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना- ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान’ के तहत देश के 50 करोड़ गरीबों के लिए गंभीर बीमारी की स्थिति में, हर परिवार पर प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक के इलाज खर्च की व्यवस्था की गई है। सिर्फ 4 महीने में ही इस योजना के तहत 10 लाख से ज्यादा गरीब, अस्पताल में अपना इलाज करवा चुके हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
कोविंद ने कहा कि सिर्फ 1 रुपया महीना के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ के रूप में लगभग 21 करोड़ गरीब भाई-बहनों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। किसी अनहोनी के समय प्रत्येक योजना के तहत 2 लाख रुपये की सहायता का प्रावधान किया गया है। अब तक इस योजना के माध्यम से 3,100 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि उपलब्ध कराकर, मेरी सरकार ने देशवासियों का, उनके संकट के समय में साथ दिया है।
मिशन इंद्रधनुष
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार गरीब महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की चुनौती को समाप्त करने के लिए भी पूरी शक्ति से काम कर रही है। कुपोषण के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों को दूर करने के लिए तथा कुपोषण से पीड़ित लोगों के लिए मेरी सरकार ने राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू किया है। देश के दूर-दराज और आदिवासी इलाकों में रहने वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक भी टीकाकरण की सुविधा पहुंचे, इसके लिए सरकार ने ‘मिशन इंद्रधनुष’ योजना की शुरुआत की। फलस्वरूप अब देश बहुत तेजी के साथ ‘पूर्ण टीकाकरण’ के लक्ष्य के करीब पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक करोड़ 30 लाख आवास का निर्माण
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में सरकार की ग्रामीण आवास योजनाओं के तहत 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा घरों का निर्माण किया जा चुका है। वर्ष 2014 के पहले, पांच साल में सिर्फ 25 लाख घरों का ही निर्माण हुआ था।
प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना
‘प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना’ के तहत अब तक 2 करोड़ 47 लाख घरों में बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है। अब भारत तेजी से उस स्थिति की तरफ बढ़ रहा है, जहां उसके प्रत्येक घर में बिजली होगी और कोई भी परिवार अंधेरे में जीने के लिए मजबूर नहीं होगा।
मानव रहित रेलवे क्रासिंग लगभग समाप्त
वर्षों से हमारे देश में मानव-रहित रेलवे क्रॉसिंग्स पर होने वाले हादसों को लेकर बड़ी चर्चा होती रही है। संसद में भी यह विषय कई बार उठा है। वर्ष 2014 में हमारे देश में मानव-रहित क्रॉसिंग्स की संख्या 8,300 थी। मेरी सरकार ने मानव-रहित रेलवे क्रॉसिंग्स समाप्त करने का अभियान चलाया और अब ऐसी क्रॉसिंग्स लगभग समाप्त हो गई हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में नागरिकता संशोधन विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि इस व्यवस्था के द्वारा उन पीड़ितों को भारत की नागरिकता प्राप्त होने का मार्ग आसान होगा, जो प्रताड़ना के कारण पलायन करके भारत आने पर मजबूर हुए हैं। इसमें उनका कोई दोष नहीं है बल्कि वे परिस्थितियों का शिकार हुए हैं।
सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण
कोविंद ने कहा कि शीतकालीन सत्र में संसद द्वारा संविधान का 103 वां संशोधन पारित करके, सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ पहुंचाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। यह पहल, देश के उन गरीब युवक-युवतियों के साथ न्याय करने का प्रयास है जो गरीबी के अभिशाप के कारण वंचित महसूस कर रहे थे। इस नई व्यवस्था का वर्तमान आरक्षण पर असर न पड़े, इसके लिए शैक्षिक संस्थानों में सीटों की संख्या भी उसी अनुपात में बढ़ाई जा रही है।
युवा देश की ताकत हैं
कोविंद ने कहा कि युवा देश की ताकत हैं। अपने पैरों पर खड़ा होने की ललक रखने वाले युवाओं को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के तहत पिछले चार वर्षों में प्रतिवर्ष औसतन 1 करोड़ युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया है। आने वाले समय में देश में 15,000 से ज्यादा आई.टी.आई., 10,000 से ज्यादा कौशल विकास केन्द्र और 600 से ज्यादा प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र, भारत के युवाओं के कौशल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए बने नए संस्थान
राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च स्तरीय प्रोफेशनल एजुकेशन के अवसरों को बढ़ाने के लिए सरकार नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर रही है और 7 आईआईटी, 7 आईआईएम, 14आईआईआईटी,1 एनआईटी और 4 एनआईडी की स्थापना की जा रही है। देश में अनुसंधान को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा दी जा रही स्कॉलरशिप और फेलोशिप की राशि में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि का निर्णय लिया गया है।
किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रयासरत
कोविंद ने कहा कि सरकार देश के किसानों की आय को दोगुना करने के लिए दिन-रात प्रयत्नशील है। किसानों की हर जरूरत को समझते हुए, उनकी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए सरकार प्रयासरत है। कृषि उपकरण और बीज खरीदने से लेकर बाजार में कृषि उत्पाद पहुंचाने और बेचने तक की पूरी प्रक्रिया में किसानों को अधिक सुविधा और सहायता मिले, यह सरकार की प्राथमिकता है। मेरी सरकार ने 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एम.एस.पी. को फसल की लागत का डेढ़ गुना से अधिक करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है।
जनधन योजना के तहत 34 करोड़ बैंक खाते खुले
जनधन योजना की वजह से आज देश में 34 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुले हैं और देश का लगभग हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ गया है। एक अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के अनुसार वर्ष 2014 से लेकर 2017 के बीच पूरे विश्व में खोले गए कुल बैंक खातों के 55 प्रतिशत खाते, भारत में ही खुले हैं। आज अगर देश में 60 करोड़ से ज्यादा रूपे डेबिट कार्ड हैं और भीम एप के द्वारा कम लागत पर डिजिटल लेन-देन सुलभ हो रहा है, तो उसके पीछे जनधन योजना की बहुत बड़ी भूमिका है।
सेना का बढ़ा मनोबल भारत के सामर्थ्य का प्रतीक
कोविंद ने कहा कि भारत ने सीमा पार आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके अपनी ‘नई नीति और नई रीति’ का परिचय दिया है। पिछले वर्ष भारत उन चुनिंदा देशों की पंक्ति में शामिल हुआ है जिनके पास परमाणु त्रिकोण की क्षमता है।
हमारी सेनाएं और उनका मनोबल, 21वीं सदी के भारत के सामर्थ्य का प्रतीक है। दशकों के अंतराल के बाद भारतीय वायुसेना, आने वाले महीनों में, नई पीढ़ी के अति आधुनिक लड़ाकू विमान-राफेल को शामिल करके, अपनी शक्ति को और सुदृढ़ करने जा रही है।
मेरी सरकार जम्मू, लद्दाख और कश्मीर के संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मेरी सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य में विकास का वातावरण बनना शुरू हुआ है।
वैश्विक मंचों पर भारत का बढ़ा मान
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की राजनयिक सफलता है कि आज भारत की आवाज वैश्विक मंचों पर सम्मान के साथ सुनी जाती है। कुछ दिन पूर्व वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस में भारत की यह अंतर्राष्ट्रीय ध्वनि और ज्यादा मुखर हुई है। भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया और आज यह दिवस पूरे विश्व में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। सरकार ने विदेश में रहने वाले भारतीयों के पासपोर्ट की ताकत और उसका मान ही नहीं बढ़ाया है, बल्कि उनके सुख-दुःख की सहभागी भी बनी है। पिछले चार वर्ष में संकट में फंसे 2 लाख 26 हजार से ज्यादा भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है।