राफेल पर झूठ परोस रही कांग्रेस : जेटली

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नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के नेता और केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि पार्टी राफेल युद्धक विमान सौदे को झूठा मुद्दा बना रही है। जेटली का कहना है कि कांग्रेस का इतिहास रहा है झूठे मुद्दे तैयार कर यह साबित करने में लगी रहती है कि सामने वाला भी उन्हीं की तरह भ्रष्टाचारी है।
अपने फेसबुक पेज पर जेटली ने कहा, ‘‘यदि पार्टी के नेता (राहुल गांधी) की निहित और अंतर्निहित सीमाएं हैं तो पार्टी क्या करेगी? पार्टी भ्रष्टाचार और विरोधाभास के चलते बदनाम है और दूसरी और प्रधानमंत्री मोदी ने घोटाला मुक्त सरकार का नेतृत्व किया है। इसलिए, इसकी (कांग्रेस) रणनीति तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने की है। यदि आपके पास कोई मुद्दा नहीं है, तो उसका निर्माण करें। मतलब साफ है कि राफेल एक नकली विवाद है।’’
उन्होंने कहा कि 1989 में बोफोर्स के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी और उसके नेतृत्व के खिलाफ पूरे देश में रोष था। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों ने फर्जी मुद्दे बनाकर मोड़ की एक काउंटर रणनीति का आविष्कार किया। सेंट किट्स में एक बैंक खाता वीपी सिंह के बेटे के नाम पर बनाया गया था ताकि कांग्रेस अपना चेहरा बचाने के लिए तर्क दे सके – अगर हम भ्रष्ट हैं, तो आप भी हैं।
जेटली ने कहा कि 1999 में, जब कारगिल संघर्ष की पृष्ठभूमि में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई वाले राजग की चुनाव जीतने की संभावना थी, और कांग्रेस पार्टी को भारी हार का सामना करना पड़ा, तो उसने पाकिस्तान को चीनी निर्यात का मुद्दा बनाया। राष्ट्रवाद के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाने के लिए इस मुद्दे पर कुल दो दर्जन प्रेस सम्मेलन आयोजित किए गए थे। आरोपों की सच्चाई यह थी कि मध्य-स्तर के अज्ञात चांदनी चौक व्यापारी पाकिस्तान में ओजीएल आइटम-शुगर निर्यात कर रहे थे। कहने की जरूरत नहीं है कि कांग्रेस बूरी तरह चुनाव हार गई। उनका झूठ बुरी तरह से ढह गया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दोहरी रणनीति है। पहली रणनीति राफेल के मुद्दे पर सरकार को घेरने की है, जिसमें वह अबतक नाकाम रही है। वह डील से जुड़े एक मुद्दे को आगे रखती है और उसके विफल होने पर दूसरी दिशा में चली जाती है। दूसरी रणनीति के तहत भारत में अल्पसंख्यकों वोटों को रिझाने के लिए हिन्दू तालिबान जैसे मुद्दा बनाती है। ऐसा करते समय पार्टी बहुसंख्यकों को अपने खिलाफ कर लेती है। उन्होंने कहा कि मुद्दों और ठोस नेतृत्व के अभाव में इसी तरह की राजनीति होती है।


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