राजपथ पर स्वच्छ भारत मिशन की झांकी देख गदगद हुए मोदी, दक्षिणी अफ्रीका के राष्ट्रपति को भाया उंट दस्ता
नई दिल्ली 26 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी स्थित राजपथ पर 70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित परेड में देश की सामरिक ताकत, कला और सांस्कृतिक विविधता देखने को मिली। सभी राज्यों की झांकियों में वहां की सांस्कृतिक, सामाजिक झलक साफ नजर आई। इसके साथ ही विविधता में एकता का भाव सहेजे इन झांकियों ने राजपथ पर मौजूद दर्शकों का मन मोह लिया।
इस बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल झांकियों की थीम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर तय की गई थी। सनद रहे कि देश महात्मा गांधी की 150वीं जन्म जयंती मना रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए गांधी की प्रतिमा उनके संदेश हर राज्य की झांकी में नजर आए। 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों तथा रेल सहित केंद्र सरकार के 6 मंत्रालयों की झांकियों में भी गांधी और उनसे जुड़े प्रसंगों को दर्शाया गया।
गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति मातमेला सिरिल रामफौसा को राजस्थान में बीएसएफ का उंट दस्ता काफी पसंद आया। इस दस्ते में शामिल सभी जवानों की न केवल वर्दी एक-सी थी बल्कि मूछें भी एक समान थीं। जब यह दस्ता सलामी मंच के सामने से गुजरा तो मुख्य अतिथि ने पैनी नजरों से उन्हें निहारा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने खड़े होकर तालियां बजाकर झांकियों का स्वागत किया। उस समय दृश्य बड़ा खास था जब स्वच्छ भारत मिशन की चार साल की उपलब्धियों को दर्शाने वाली पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की झांकी राजपथ से गुजरी। गांधी के स्वच्छता अभियान को समर्पित इस झांकी में झारखंड की महिला मिस्त्री को शौचालय निर्माण का कार्य करते हुए दिखाया गया था।
रेल मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तीन साल के अंतराल के बाद गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुए|भारतीय रेल मंत्रालय की झांकी का गोयल ने खड़े होकर गर्मजोशी से स्वागत किया। ‘मोहन से महात्मा’ थीम पर आधारित रेल मंत्रालय की झांकी में गांधी के रेल से जुड़े प्रसंगों को दिखाया गया। गांधी ने 1915 में दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद रेलगाड़ी के तृतीय श्रेणी से पूरे भारत का भ्रमण किया था। इस झांकी में 1893 में दक्षिण अफ्रीका में युवा मोहनदास को पीटरमार्टिजबर्ग रेलवे स्टेशन पर केवल यूनोपियन के कंपार्टमेंट से बाहर निकालने की घटना भी दर्शायी गई। इसी घटना ने उन्हें सत्याग्रह के लिए प्रेरित किया। बाद में इस राष्ट्र के महात्मा के रूप में उभर कर सामने आए। इस झांकी में एक भाप इंजन को दिखाया गया जिसके ऊपर जून 2018 में पीटरमार्टिजबर्ग स्टेशन पर लगी अर्धप्रतिमा की प्रतिमूर्ति को लगायी गई थी। एक अन्य रेल कोच में गांधी और कस्तूरबा गांधी लोगों से मिलते हुए दिखाया गया।
राजपथ पर इस दौरान जब दिल्ली की झांकी सलामी मंच के सामने से गुजरी उसी समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खांसी आ गई। इससे वहां दर्शक दीर्घा में मौजूद कई लोग स्वयं को हंसने से रोक नहीं सके। महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया, जो सत्याग्रह के उनके सिद्धांत पर आधारित था। अपने लंबे, घटनापूर्ण जीवन के दौरान और विशेष रूप से अपने संघर्ष के दौरान गांधी का दिल्ली के साथ एक लंबा संबंध था। झांकी में गांधी के दिल्ली और बिड़ला हाउस से घनिष्ठता को दर्शाया गया । 1915 और 1948 के बीच गांधी आठ बार दिल्ली के प्रवास पर आये थे और 720 दिन वहां ठहरे थे। 30 जनवरी 1948 को हत्या से पहले उनके जीवन के अंतिम 144 दिन भी दिल्ली के बिड़ला हाउस में बीते थे।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी गुजरात की झांकी को देखकर बेहद प्रसन्न हुए और आमतौर पर गंभीर मुद्रा में नजर आने वाले शाह तालियां बजाते नजर आये। झांकी में महात्मा गांधी के ऐतिहासिक दांडी मार्च को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया था। गांधी ने 12 मार्च 1930 को गुजरात के दांडी स्थान पर अंग्रेजों के खिलाफ नमक बनाने के लिए यात्रा शुरू की थी और यह 6 अप्रैल 1930 तक चली थी।
इसी प्रकार महाराष्ट्र की झांकी को भारत छोड़ो आंदोलन की थीम पर तैयार किया गया द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 8 अगस्त 1942 को शुरू हुए इस आंदोलन ने बड़ी संख्या में लोगों को जेल में जाने के लिए प्रेरित किया। पंजाब की झांकी में जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को हुए स्वतंत्रता सेनियों की गोलियों से भूनकर की गई नृशंस हत्या का दिखाया गया। उत्तर प्रदेश की झांकी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को गांधी की विशाल प्रतिमा के साथ स्थान दिया गया था। पश्चिम बंगाल की झांकी में महात्मा गांधी और रविंद्रनाथ टैगोर को शांति निकेतन में एक साथ बैठे दिखाया गया।
अंडमान और निकोबार की झांकी में महात्मा गांधी की प्रेरणा से 28 अगस्त 1937 को सेल्युलर जेल में स्वतंत्रा सेनानियों की भूख हड़ताल का नजारा देखने को मिला। उगते सूर्य की धरती कहे जाने वाले अरुणाचल प्रदेश की झांकी में गांधी के शांति के संदेश को दर्शाया गया था और असम की झांकी में गांधी के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती के लिए कुटीर उद्योग को शामिल किया गया था।
इस बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल झांकियों की थीम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर तय की गई थी। सनद रहे कि देश महात्मा गांधी की 150वीं जन्म जयंती मना रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए गांधी की प्रतिमा उनके संदेश हर राज्य की झांकी में नजर आए। 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों तथा रेल सहित केंद्र सरकार के 6 मंत्रालयों की झांकियों में भी गांधी और उनसे जुड़े प्रसंगों को दर्शाया गया।
गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति मातमेला सिरिल रामफौसा को राजस्थान में बीएसएफ का उंट दस्ता काफी पसंद आया। इस दस्ते में शामिल सभी जवानों की न केवल वर्दी एक-सी थी बल्कि मूछें भी एक समान थीं। जब यह दस्ता सलामी मंच के सामने से गुजरा तो मुख्य अतिथि ने पैनी नजरों से उन्हें निहारा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने खड़े होकर तालियां बजाकर झांकियों का स्वागत किया। उस समय दृश्य बड़ा खास था जब स्वच्छ भारत मिशन की चार साल की उपलब्धियों को दर्शाने वाली पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की झांकी राजपथ से गुजरी। गांधी के स्वच्छता अभियान को समर्पित इस झांकी में झारखंड की महिला मिस्त्री को शौचालय निर्माण का कार्य करते हुए दिखाया गया था।
रेल मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तीन साल के अंतराल के बाद गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुए|भारतीय रेल मंत्रालय की झांकी का गोयल ने खड़े होकर गर्मजोशी से स्वागत किया। ‘मोहन से महात्मा’ थीम पर आधारित रेल मंत्रालय की झांकी में गांधी के रेल से जुड़े प्रसंगों को दिखाया गया। गांधी ने 1915 में दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद रेलगाड़ी के तृतीय श्रेणी से पूरे भारत का भ्रमण किया था। इस झांकी में 1893 में दक्षिण अफ्रीका में युवा मोहनदास को पीटरमार्टिजबर्ग रेलवे स्टेशन पर केवल यूनोपियन के कंपार्टमेंट से बाहर निकालने की घटना भी दर्शायी गई। इसी घटना ने उन्हें सत्याग्रह के लिए प्रेरित किया। बाद में इस राष्ट्र के महात्मा के रूप में उभर कर सामने आए। इस झांकी में एक भाप इंजन को दिखाया गया जिसके ऊपर जून 2018 में पीटरमार्टिजबर्ग स्टेशन पर लगी अर्धप्रतिमा की प्रतिमूर्ति को लगायी गई थी। एक अन्य रेल कोच में गांधी और कस्तूरबा गांधी लोगों से मिलते हुए दिखाया गया।
राजपथ पर इस दौरान जब दिल्ली की झांकी सलामी मंच के सामने से गुजरी उसी समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खांसी आ गई। इससे वहां दर्शक दीर्घा में मौजूद कई लोग स्वयं को हंसने से रोक नहीं सके। महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया, जो सत्याग्रह के उनके सिद्धांत पर आधारित था। अपने लंबे, घटनापूर्ण जीवन के दौरान और विशेष रूप से अपने संघर्ष के दौरान गांधी का दिल्ली के साथ एक लंबा संबंध था। झांकी में गांधी के दिल्ली और बिड़ला हाउस से घनिष्ठता को दर्शाया गया । 1915 और 1948 के बीच गांधी आठ बार दिल्ली के प्रवास पर आये थे और 720 दिन वहां ठहरे थे। 30 जनवरी 1948 को हत्या से पहले उनके जीवन के अंतिम 144 दिन भी दिल्ली के बिड़ला हाउस में बीते थे।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी गुजरात की झांकी को देखकर बेहद प्रसन्न हुए और आमतौर पर गंभीर मुद्रा में नजर आने वाले शाह तालियां बजाते नजर आये। झांकी में महात्मा गांधी के ऐतिहासिक दांडी मार्च को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया था। गांधी ने 12 मार्च 1930 को गुजरात के दांडी स्थान पर अंग्रेजों के खिलाफ नमक बनाने के लिए यात्रा शुरू की थी और यह 6 अप्रैल 1930 तक चली थी।
इसी प्रकार महाराष्ट्र की झांकी को भारत छोड़ो आंदोलन की थीम पर तैयार किया गया द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 8 अगस्त 1942 को शुरू हुए इस आंदोलन ने बड़ी संख्या में लोगों को जेल में जाने के लिए प्रेरित किया। पंजाब की झांकी में जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को हुए स्वतंत्रता सेनियों की गोलियों से भूनकर की गई नृशंस हत्या का दिखाया गया। उत्तर प्रदेश की झांकी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को गांधी की विशाल प्रतिमा के साथ स्थान दिया गया था। पश्चिम बंगाल की झांकी में महात्मा गांधी और रविंद्रनाथ टैगोर को शांति निकेतन में एक साथ बैठे दिखाया गया।
अंडमान और निकोबार की झांकी में महात्मा गांधी की प्रेरणा से 28 अगस्त 1937 को सेल्युलर जेल में स्वतंत्रा सेनानियों की भूख हड़ताल का नजारा देखने को मिला। उगते सूर्य की धरती कहे जाने वाले अरुणाचल प्रदेश की झांकी में गांधी के शांति के संदेश को दर्शाया गया था और असम की झांकी में गांधी के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती के लिए कुटीर उद्योग को शामिल किया गया था।