(राउंड-अप) भारत की 150 करोड़ टीकाकरण की उपलब्धि बड़े देशों के लिए भी आश्चर्य : प्रधानमंत्री मोदी
पश्चिम बंगाल को 11 करोड़ वैक्सीन की मुफ्त डोज मुहैया कराई गईं
– पिछले 7 वर्षों में 60 हजार नई अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल सीटें बढ़ाईं
– कैंसर के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की कीमतों में काफी कमी की गई
नई दिल्ली, 07 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत सहित दुनियाभर में कोरोना के नये स्वरुप ओमिक्रोन के कारण तेजी से बढ़ रहे मामलों के खिलाफ भारत की लड़ाई का उल्लेख करते कहा कि भारत आज 150 करोड़ वैक्सीन देने के ऐतिहासिक मुकाम पर पहुंच गया है। उन्होंने इस उपलब्धि को विश्व के बड़े देशों के लिए भी आश्चर्य करार देते हुये कहा कि यह भारत के नए आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर भारत और गौरव को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ओमिक्रोन के मामने बढ़ रहे हैं, इसलिए 150 करोड़ टीकों की खुराक का यह कवच और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई) के दूसरे परिसर का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि नया परिसर पश्चिम बंगाल के लोगों को विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ती और अत्याधुनिक देखभाल प्रदान करने में एक लंबा सफर तय करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “देश के प्रत्येक नागरिक को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के संकल्प की यात्रा में हमने एक और मजबूत कदम उठाया है।” 530 करोड़ रुपये की लागत तैयार परिसर देश के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भागों के कैंसर रोगियों को व्यापक देखभाल प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री ने देश के प्रत्येक नागरिक तक सस्ती और समावेशी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने का संकल्प दोहराते हुये कहा कि आयुष्मान भारत योजना इस दिशा में एक वैश्विक बेंचमार्क है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत देशभर में 17 लाख कैंसर रोगियों सहित 2 करोड़ 60 लाख से अधिक लोग मरीज अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने योजना की शुरुआत सितंबर 2018 में की थी। इसके तहत गरीब और वंचित परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाता है।
प्रधानमंत्री ने बच्चों के टीकाकरण का जिक्र करते हुये कहा कि साल की शुरुआत देश ने 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन से की थी। वहीं आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में ही भारत 150 करोड़ वैक्सीन डोज का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है। सिर्फ 5 दिन के भीतर ही डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों को भी वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। यह उपलब्धि पूरे देश और हर सरकार की है।
प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि के लिये देश के वैज्ञानिकों, वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर्स और हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि सबके प्रयासों से ही देश ने उस संकल्प को शिखर तक पहुंचाया है, जिसकी शुरुआत हमने शून्य से की थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मेडिकल सीटों को बढ़ाने और कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज की मांग का इशारों-इशारों में जवाब देते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अब तक पश्चिम बंगाल को भी कोरोना वैक्सीन की करीब-करीब 11 करोड़ डोज मुफ्त मुहैया कराई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बंगाल को डेढ़ हजार से अधिक वेंटिलेटर, 9 हजार से ज्यादा नए ऑक्सीजन सिलेंडर भी दिए गए हैं। 49 पीएसए नए ऑक्सीजन प्लांट्स ने भी काम करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र की एक अन्य बड़ी समस्या मांग और आपूर्ति में अंतर है। इस कमी को पूरा करने के लिए मिशन मोड पर काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 तक देश में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या 90 हज़ार के आसपास थी। पिछले 7 सालों में इनमें 60 हज़ार नई सीटें जोड़ी गई हैं। साल 2014 में हमारे यहां सिर्फ 6 एम्स होते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक, गरीब और निम्न मध्यम वर्ग स्वास्थ्य देखभाल से वंचित रहे क्योंकि या तो स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं थी या बहुत महंगी थी। गरीबों के पास दो ही विकल्प थे, कर्ज लेना, या संपत्ति बेचना, या इलाज के बारे में भूल जाना। उन्होंने कहा कि कैंसर की बीमारी तो ऐसी है जिसका नाम सुनते ही गरीब और मध्यम वर्ग हिम्मत हारने लगता था। गरीब को इसी कुचक्र, इसी चिंता से बाहर निकालने के लिए देश सस्ते और सुलभ इलाज के लिए निरंतर कदम उठा रहा है। बीते सालों में कैंसर के इलाज के लिए ज़रूरी दवाओं की कीमतों में काफी कमी की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा पिछले कुछ वर्षों में कैंसर की दवाओं की कीमतों में कमी आई है। जनऔषधि केंद्र देश भर में लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना आज सस्ती और समावेशी स्वास्थ्य सेवा के मामले में एक ग्लोबल बेंचमार्क बन रही है। पीएम-जेएवाई के तहत देशभर में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मरीज, अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश 22 एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा है। देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज सुनिश्चित करने का काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को बदलने के लिए प्रिवेंटिव हेल्थकेयर, अफोर्डेबल हेल्थकेयर, सप्लाई साइड इंटरवेंशन के लिए मिशन मोड अभियान तेज किए जा रहे हैं। योग, आयुर्वेद, फिट इंडिया मूवमेंट, यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रिवेंटिव हेल्थकेयर को मजबूत कर रहे हैं। इसी तरह, स्वच्छ भारत मिशन और हर घर जल योजनाएं बेहतर स्वास्थ्य परिणामों में योगदान दे रही हैं। प्रधानमंत्री ने अंत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हर एहतियात बरतने की अपनी अपील को दोहराया।
इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्रीय स्वास्थय मंत्री मनसुख मंडाविया, डॉ सुभाष सरकार, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और निशिथ प्रमाणिक उपस्थित थे। सीएनसीआई का दूसरा परिसर 530 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है, जिसमें से लगभग 400 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा और बाकी पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 75:25 के अनुपात में प्रदान किए गए हैं। यह परिसर 460 बिस्तरों वाली व्यापक कैंसर केंद्र इकाई है जिसमें कैंसर निदान, मंचन, उपचार और देखभाल के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा है।