मोदी की पहल पर 26 साल से बंद सिंचाई परियोजना की हुई शुरुआत
गया,02अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार और झारखंड के सीमावर्ती किसानों की मांग दो दशकों से लंबित सिंचाई योजना को क्रियान्वित कराकर पूरी कर दी।झारखंड और बिहार में उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना 26 सालों से सरकारी फाइलों में सिमट कर रह गयी थी मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना के लिए इस साल 03 जनवरी को कैबिनेट की बैठक में 1622 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। उन्होंने मंजूरी देने के दो दिन बाद 05 जनवरी को झारखंड के पलामू जिला के मेदिनीपुर में परियोजना का शिलान्यास किया। 09 अगस्त 2015 को गया के गांधी मैदान में बिहार विधानसभा चुनाव व इससे पहले 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को इस परियोजना के पूरा कराने का वादा किया था। श्री मोदी की पहल का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। औरंगाबाद व गया संसदीय क्षेत्र के कई गांवों को इस परियोजना से लाभ होगा। तीन वर्षों में यह परियोजना पूरी होगी। 2300 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना पर 700 करोड़ खर्च हो चुके हैं। सोन नदी की सहायक उत्तरी कोयल नदी पर स्थित यह परियोजना 1972 में शुरू की गयी थी और 1993 से बंद पड़ी थी। अगले तीन वित्त वर्ष में 1622.27 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शेष बचे कार्य पूरा किये जायेंगे। मंडल डैम जलाशय की ऊंचाई दो मीटर घटेगी। परियोजना पूरा होने पर झारखंड के पलामू व गढ़वा तथा बिहार के औरंगाबाद व गया जिला में 1,11,521 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की व्यवस्था की जा सकेगी। इससे 91,917 हेक्टेयर जमीन बिहार में सिंचित होगी।