मॉब लिंचिंग मामले की शीघ्र सुनवाई के लिए याचिका
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जांच सही दिशा में नहीं चल रही, 28 मई को होगी सुनवाई
नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। हापुड़ मॉब लिंचिंग मामले में याचिकाकर्ता ने आज सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग की। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि जांच सही दिशा में नहीं चल रही है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करे। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई को मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया।
पिछले 2 मई को इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने जांच की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। कोर्ट ने रिपोर्ट को याचिकाकर्ता समीउद्दीन और मेहताब को देने का निर्देश दिया था। पिछले 8 अप्रैल को कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब किया था। कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि आप इस मामले की जांच और ट्रायल संबंधी रिपोर्ट दाखिल करें। इस मामले में मृतक कासिम के बेटे मेहताब ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि इस मामले की जांच उत्तरप्रदेश के बाहर की एसआईटी से कराई जाए। पिछले 11 फरवरी को याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
कोर्ट ने इस याचिका को भी समीउद्दीन की याचिका के साथ टैग कर दिया है। 5 सितंबर 2018 को इस हिंसा के शिकार समीउद्दीन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच मेरठ रेंज की सीधी निगरानी में करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि मेरठ रेंज के आईजी मॉब लिंचिंग पर उसके आदेश के मुताबिक काम करेंगे। पिछले 13 अगस्त 2018 को कोर्ट ने मेरठ रेंज के आईजी को निर्देश दिया था कि पीड़ित का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करवाने की व्यवस्था करें। कोर्ट ने पीड़ित परिवार को जरूरी सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया था।
समीउद्दीन ने याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि यूपी पुलिस इस घटना को रोड रेज का मामला बना कर जांच कर रही है। समीउद्दीन इस मामले का गवाह है। उसने अपना केस यूपी से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की है। याचिका में मांग की गई है कि उसका बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराया जाए। मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया जाए।