मुख्यमंत्री ने गंगासागर मेला को राष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग की

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कपिल मुनि मंदिर में की पूजा

कोलकाता, 28 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल के सागर तट पर लगने वाले ऐतिहासिक गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग की है। उन्होंने गंगासागर मेले को इको फ्रेंडली और प्लास्टिक मुक्त बनाने पर जोर दिया।

मंगलवार अपराह्न मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दक्षिण 24 परगना के सागर तट पर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। यहीं गंगा और समुद्र के संगम स्थल पर गंगासागर का ऐतिहासिक मेला लगता है। मकर संक्रांति पर यहां देशभर से औसतन 20 से 25 लाख लोग हर साल पुण्य स्नान करने आते हैं। उनके आने-जाने, रहने और सुरक्षा की व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से की जाती है।

मुख्यमंत्री ने कपिल मुनि मंदिर में पूजा अर्चना की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस संबंध में पत्र लिख चुकी हैं लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने गंगासागर मेले को इको फ्रेंडली और प्लास्टिक मुक्त बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर कुंभ मेले को राष्ट्रीय मेले की संज्ञा दी जा सकती है तो गंगासागर को भी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गंगासागर मेले में कुंभ से भी अच्छा इंतजाम होता है।
महंत ज्ञानदास ने की ममता की सराहना
कपिल मुनि मंदिर में पूजा करने पहुंचीं ममता बनर्जी की सराहना महंत ज्ञानदास ने की है। उन्होंने कहा कि ममता के नेतृत्व में राज्य का बहुत ही अच्छा विकास हुआ है। जैसे उन्होंने बंगाल का कल्याण किया है ठीक उसी तरह से देश का भी कल्याण करेंगी। हम लोग प्रार्थना करेंगे कि दीदी और आगे बढ़ें। महंत ने कहा कि मैंने ममता से यहां मंदिर बनवाने का अनुरोध किया था और उन्होंने बनवा दिया। 35 सालों तक माकपा शासन था लेकिन मंदिर नहीं बना। यह लोगों का प्यार है कि ममता बनर्जी फिर से मुख्यमंत्री बनी हैं। मुख्यमंत्री के सुर में सुर मिलाते हुए महंत ज्ञानदास ने कहा कि गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित किया ही जाना चाहिए लेकिन जब तक भाजपा रहेगी तब तक ऐसा होगा नहीं।


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