महाशिवरात्रि पर शिवमन्दिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब

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– सिंह महेश्वर व पतालेश्वर सहित कई शिवालयों में ओम नमो शिवाय का जप शुरू
हमीरपुर, 01 मार्च (हि.स.)। जिले में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शिवमंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। ऐतिहासिक शिवमंदिरों में ओम नमरूशिवाय का जाप भी शुरू हो गया है जो देर रात चलेगा। इस पर्व की रंगत सिंह महेश्वर मंदिर और पतालेश्वर मंदिर में देखती ही बन रही है। वहीं शल्लेश्वर महादेव मन्दिर में जलाभिषेक करने वालों का तांता लग गया है। भंग और तरंग के इस पर्व में शिवमन्दिरों की भव्यता और सुन्दरता देखते ही बन रही थी। उधर यमुना पुल पार बीबीपुर गांव में गौरीशंकर बाबा मन्दिर में शिव महोत्सव का आयोजन किया गया है जिसमें दूरदराज से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये है।
महाशिवरात्रि का पर्व होने से इस बार भी हमीरपुर व उसके आसपास के इलाकों में महाशिवरात्रि का पर्व पूरे जोश-खरोश से मनाया जा रहा है। हमीरपुर नगर के पतालेश्वर, मन्दिर में जलाभिषेक करने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे। यहां मंदिर में तिल रखने की जगह नहीं थी। श्रद्धालुओं ने पताली शिवलिंग पर पहले तो यमुना के जल से जलाभिषेक किया फिर शहद और दही से स्नान कर शिवलिंग की पूजा अर्चना की गयी। मंदिर में अन्य शिवलिंग की पूजा भी लोगों ने की। यमुना नदी किनारे बने इस प्राचीन मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने तगड़े इंतजाम किए हैं। महिला सिपाहियों की भी तैनाती की गयी है।
नगर से कुछ किमी दूर सिंह महेश्वर मंदिर में भी हजारों शिव भक्तों ने जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की। यहां यमुना बेतवा नदी के संगम पर पहले तो लोगों ने स्नान किया फिर संगम से जल लेकर सिंह महेश्वर मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक किया। शिवलिंग में भांग, धतूरा, गेहूं की बाली और बेल चढ़ाकर शिव भक्त बम-बम भोले के जयकारा लगा रहे हैं। कलेक्ट्रेट परिसर पर मराठाकालीन मंदिर में भी शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग का इतिहास कम से कम पांच सौ साल पुराना है।
हाथी दरवाजा स्थित भी चंदेलकालीन शिवमंदिर में महाशिवरात्रि की धूम मची हुई है। सुमेरपुर क्षेत्र के सिमनौड़ी गांव में स्थित मनेश्वर बाबा के मंदिर में भी सुबह से पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। इस मंदिर में ओम नमरू शिवाय का जाप चल रहा है जो देर रात तक चलेगा। मंदिर में मेले का भी आयोजन किया गया है। कुरारा क्षेत्र के चंदूपुर में भी प्राचीन शिवमंदिर में महाशिवरात्रि की धूम मची हुई है। बम बम भोले के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गूंज गया है।
जिले के राठ कस्बे में चौपेश्वर मन्दिर में महाशिवरात्रि महोत्सव को लेकर धार्मिक अनुष्ठान किये गये है। इस मंदिर में भी दर्जनों गांवों के श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिये पहुंचे हैं। मंदिर के अंदर और बाहर भारी भीड़ एकत्र है। वहीं सरीला में तो सल्लेश्वर महादेव मन्दिर महाशिवरात्रि पर भव्यता और सुन्दरता देखते ही बन रही है। तड़के चार बजे से इस मंदिर में जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हुआ जो अभी भी जारी है। यह मंदिर गुप्तकालीन है इसीलिए श्रद्धालुओं की इसमें आस्था है। मंदिर के बाहर मेला भी लगा है। यमुना नदी पार बिहारेश्वर व बीबीपुर में गौरीशंकर बाबा मंदिर में महाशिवरात्रि को लेकर धार्मिक अनुष्ठान किये जा रहे है। इन दोनों मंदिरों में कांवरिए जलाभिषेक कर ओ नम :शिवाय का जाप कर रहे है।
ब्रह्मकुमारी वि.में त्रिमूर्ति शिव का केक कटा
हमीरपुर के अमनशहीद इलाके में दुर्गा मंदिर के पास प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में भी महाशिवरात्रि का पर्व हर्षाेल्लास से मनाया गया। ब्रह्माकुमारी मीरा देवी सहित तमाम बहनों ने सामूहिक रूप से यहां शिव का झण्डा रोहण कर मोमबत्ती जलायी। 83 वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती का केक भी काटा। इन सेवा केन्द्रों पर नौ लाख विद्यार्थी हर रोज नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा ग्रहण करते हैं। हमीरपुर सेवा केन्द्र की संचालिका बहन ने महाशिवरात्रि का महत्व बताते हुए कहा कि शिव के बाद रात्रि शब्द जुड़ा है। रात्रि अज्ञानता अंधकार का प्रतीक है जो बेर चढ़ाये जाते हैं जो बैर विरोध की प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि धतूरे के फल चढ़ाते हैं, वह पांच विकारों का प्रतीक है जब धर्म ग्लानि के समय निराकार परमात्मा शिव ने बृहद तन का आधार को लेकर अवतरित हुए थे। उन्होंने बताया कि ये विकार मुझे दे दो इसलिये मुझे विषधर कहते हैं।


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