महाभियोग प्रस्ताव के बाद नेपाल के प्रधान न्यायाधीश राणा हुए निलंबित

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काठमांडू, 14 फरवरी (हि.स.)। नेपाल के प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा के खिलाफ सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर रविवार को महाभियोग प्रस्ताव सौंपा। प्रस्ताव दर्ज होने के बाद जेबी राणा को निलंबित कर दिया गया।
संसद सचिवालय के प्रवक्ता राजनाथ पांडे ने बताया कि रविवार को 11 बजे महाभियोग का प्रस्ताव सौंपा गया। उनकी जगह वरिष्ठ न्यायाधीश दीप कुमार कार्की को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। राणा दो जनवरी, 2019 को प्रधान न्यायाधीश बने थे।
सांसदों के महाभियोग प्रस्ताव में प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ 21 आरोप लगाए गए हैं। नेपाल में महाभियोग प्रस्ताव दर्ज होने के साथ ही प्रधान न्यायाधीश के स्वत: निलंबन का प्रावधान है। प्रतिनिधि सभा के सदस्यों की कुल संख्या के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित हो जाने पर प्रधान न्यायाधीश को पद मुक्त कर दिया जाएगा।
कानून एवं न्याय मंत्री दिलेंद्र प्रसाद बडू, नेपाली कांग्रेस के सचेतक पुष्पा भुसाल, सीपीएन-माओवादी सेंटर के सचेतक देव गुरुंग सहित सत्तारूढ़ गठबंधन के कुल 98 सांसदों ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। गुरुंग ने कहा कि अदालत ठीक से काम नहीं कर रही थी और प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे।
नेपाल बार संघ द्वारा तीन महीने से ज्यादा समय तक चले प्रदर्शन के आलोक में महाभियोग प्रस्ताव सौंपा गया है। देउबा मंत्रिमंडल में प्रधान न्यायाधीश के एक रिश्तेदार के मंत्री बनने के बाद बार संघ ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था। विवाद शुरू होने के बाद उनके रिश्तेदार ने अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया था।
इसके पहले 2017 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की के खिलाफ भी महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। देश की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश उसके बाद निलंबित हो गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद वह अपने पद पर पुन: बहाल हो गई थीं। इसके कुछ महीने बाद वह सेवानिवृत्त हो गई थी।


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