भारत और अमेरिका के बीच सैन्य संबंध नई ऊंचाइयों पर
वॉशिंगटन, 13 फरवरी (हि.स.)। अमेरिका और भारत के बीच सामरिक संबंधों में सैन्य संबंध ही नहीं, सैन्य साज सामान की खरीद-फरोख्त भी नई ऊंचाइयों पर हैं।
पेंटागन के एक शीर्ष कमांडर एडमिरल फिलिप्स डेविडसन ने मंगलवार को सीनेट की सैन्य बल सर्विस समिति के सम्मुख पिछले वर्ष की रिपोर्ट का ब्योरा देते हुए बताया कि गत सितम्बर में दिल्ली में दो-दो मंत्री स्तर की वार्ता के बाद ‘कोमकोसा’ के अंतर्गत दोनों देशों के बीच संबंध चरम बिन्दु पर पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि सन 2018 में भारत और अमेरिका के बीच कोमकोसा अर्थात कम्यूनिकेशन कंपेटिबिलिटी एंड सिक्युरिटी एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुए थे।
हिन्द प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल फिलिप्स ने कहा कि दोनों देशों के बीच सामरिक संबंधों के अंतर्गत दोनों देशों की सेनाओं में मिलिट्री साज-सामान की जरूरतों पर सहमति होने से भारत ने अनेक अत्याधुनिक साज सामान खरीदे हैं और सूचनाओं के आदान-प्रदान में तेजी आई है। उन्होंने इस सामरिक संबंधों की साझेदारी को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने इस बात पर संतोष जाहिर किया कि ये संबंध मौजूदा 2019 के दौरान भी बने रहेंगे। यह दो देशों की लोकतांत्रिक व्यवस्था, राजनैतिक, आर्थिक तथा सुरक्षात्मक पहलुओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
उनका कहना था कि हिंद प्रशांत महासागर में नियमों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम करने और विश्व शांति में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत ने अन्य मिलिट्री साज-सामान की खरीद-फोरोख्त के साथ पिछले साल 2.1 अरब डॉलर के साज सामान में एम एच-60आर, बहु उद्देशीय समुद्री हेलीकॉप्टर और अन्य उपकरण खरीदने पर सहमति जताई है।
भारत और अमेरिका के बीच सामरिक संबंधों में दोनों सेनाओं ने पांच बड़े समुद्री अभ्यास में भाग लिया, 50 अलग-अलग जगहों पर मिलिट्री अभ्यास के दौरान साथ निभाया तथा 2016 के लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम एग्रीमेंट के तहत काम किया। उन्होंने बताया कि अमेरिकी भारत प्रशांत कमान भारतीय मिलिट्री के साथ मिलकर कोमकोसा को संचालित करने में जुटी हुई है।