बैंकिंग के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम होगा पोस्टल बैंक- मनोज सिन्हा

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नई दिल्ली, 29 अगस्त (हि.स.)। ‘आपका बैंक आपके द्वार’ के नारे के साथ भारतीय डाक विभाग 1 सितंबर से एक नई बैंकिंग सेवा शुरू करने जा रहा है। भारत सरकार की 100 फीसदी भागीदारी से बने ‘इंडियन पोस्टल पेमेंट बैंक’ में ग्राहकों को हर प्रकार की बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी। आज (बुधवार) नई दिल्ली स्थित डाक भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि कैबिनेट द्वारा आज इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 1 सितम्बर को एक भव्य कार्यक्रम के जरिये इस बैंक का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही देश भर में 650 स्थानों पर इस पोस्टल बैंक के उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें केन्द्रीय मंत्री से लेकर राज्यपाल, राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक और जिला पंचायत तक के जन प्रतिनिधि शामिल होंगे।
भारत सरकार की एक और महत्वाकांक्षी और जनोपयोगी योजना की जानकारी देते हुए संचार मंत्री ने कहा कि इंडियन पोस्टल पेमेंट बैंक पूरी तरह से तकनीकी पर आधारित व पेपर लेस बैंक होगा। यह पूरी तरह से सुरक्षित होगा, जिसमें ग्राहकों को एक क्यूआर कोड वाला कार्ड मिलेगा जिसके साथ अंगूठे के मैच से ही लेन-देन आदि किया जा सकेगा। मनोज सिन्हा ने दावा किया कि इंडियन पोस्टल पेमेंट बैंक ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक वरदान साबित होगा और इसका असर भारत की जीडीपी पर भी पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि इस समय देश में लगभग 1 लाख 55 हजार डाक घर हैं, जिनमें से लगभग 1 लाख 30 हजार डाकघर केवल ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। यानी डाक घर की पहुंच 90 फीसदी गांवों तक है। बकौल संचार मंत्री ‘यह मोदी सरकार की लास्ट माइल बैंकिंग सेवा का उपहार है।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का वित्तीय समायोजन, जिसे हम फाइनेंशियल इनक्लुजन कहते हैं, विशेष जोर है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके वित्तीय अधिकार उपलब्ध कराने के प्रति मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। मनोज सिन्हा ने कहा कि इस बैंकिंग सेवा के तहत ग्राहक एक लाख रुपए तक जमा कर सकेंगे। इसके अलावा उन्हें मुद्रा अन्तरण, डिजीटल पेमेंट, बिलों आदि के भुगतान, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग और बीमा आदि की सुविधा भी इस बैंकिंग सेवा के जरिये मिल सकती है। इस बैंकिंग सेवा का लाभ गरीब किसान, मजदूर, छोटे किराना व्यापारी, छात्र और अन्य उद्यमी भी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल पोस्टल बैंक आरबीआई ने कर्ज देने की अनुमति नहीं दी है। इसलिए इस बैंक के जरिये सीधे कर्ज तो नहीं लिया जा सकता, लेकिन इस पोस्टल बैंक की अपने खाताधारकों के लिए पंजाब नेशनल बैंक से साझेदारी की है, जहां से कर्ज दिलाने में मदद की जी सकती है।
संचार मंत्री के अनुसार भारतीय डाक विभाग के पास पहले से ही भारत का सबसे बड़ा और विश्वसनीय नेटवर्क है। उसके पास 17 करोड़ पोस्टल बैंकिंग एकाउंट हैं। पोस्टल बैंकिंग की सुविधाएं उनकों भी मिल सके, हम ऐसा मॉडल अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि अब तक भारत में सब मिलाकर बैंकों की 49 हजार शाखाएं हैं। जबकि हम इस साल 31 दिसम्बर तक कुल मिलाकर 1 लाख 55 हजार पोस्टल बैंकिंग केन्द्रों पर काम शुरू कर देंगे। यह भारत का सबसे बड़ा बैंकिंग सिस्टम होगा। इस योजना की शुरूआत से पहले ही 4 लाख एकाउंट खुल चुके हैं। मोदी सरकार की कोशिश है कि देश का कोई भी नागरिक बैंकिंग सुविधा से वंचित ना हो। इंडियन पोस्टल पेमेंट बैंक के जरिये भी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सीधे विभिन्न योजनाओं के जरिये मिलने वाले आर्थिक लाभ की राशि भेज सकेगी।
मनोज सिन्हा ने कहा कि भारतीय डाक विभाग के पास इस समय लगभग 6 लाख कर्मचारी है जो ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधा चलाने में पूरी तरह सक्षम हैं। इन डाक कर्मचारियों को बैंकिंग सेवा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये कर्मचारी इस योजना को नीचे तक पहुंचाएं, इसके लिए इन्हें लाभाशं में से 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी दी जाएगी। यह भी आज की कैबिनेट ने पारित किया।
इस बैंकिंग सेवा की सुरक्षा के बारे में संचार मंत्री ने कहा कि इस सेवा में किसी प्रकार की गड़बड़ी की कोई आशंका नहीं है। इस बैंक के ग्राहकों को बैंकिंग सेवा के संचालन के लिए एक क्यूआर कोड वाला कार्ड दिया जाएगा। जिसे वे बायेमेट्रिक स्कैन के साथ लेन-देन कर सकते हैं। इस कार्ड का दुरूपयोग भी नहीं हो सकता क्योंकि इसमें किसी प्रकार की पिन की जरूरत नहीं है, बिना अंगूठे के स्कैन के इस खाते से कोई लेन देने नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से आधार कार्ड से जुड़ा बैंक होगा। मनोज सिन्हा ने यह भी बताया कि डाक कर्मचारियों की प्रत्यक्ष सेवा के साथ साथ पूरे देश में माइक्रो एटीएम मशीन भी लगाए जाएगी।


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