बेगूसराय जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर राजग का कब्जा
बेगूसराय, 30 दिसंबर (हि.स.)।केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र बेगूसराय के जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के पद पर राजग कार्यकर्ताओं ने कब्जा कर लिया है। अध्यक्ष का पद भाजपा के हिस्से में गया, जबकि उपाध्यक्ष पद पर जदयू को जीत मिली।
राजग समर्थित उम्मीदवार जिला परिषद क्षेत्र संख्या-28 (डंडारी प्रखंड) से भाजपा नेता सुरेन्द्र पासवान जिला परिषद अध्यक्ष निर्वाचित किए गए हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी महा गठबंधन के उम्मीदवार राम प्रकाश पासवान को 19 मतों से पराजित किया। चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो रहा था, लेकिन राजग समर्थित उम्मीदवार सुरेन्द्र पासवान को 25 वोट मिले। जबकि महा गठबंधन के उम्मीदवार राम प्रकाश पासवान को छह वोट मिले, पुष्पा कुमारी को दो वोट मिले तथा एक सदस्य अनुपस्थित रहे।
समाहरणालय परिसर स्थित कारगिल विजय सभा भवन में सुबह 11 बजे शुरू शपथ ग्रहण के बाद जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। जिसमें तीन उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया तथा गुप्त रूप से हुए मतदान के बाद सुरेन्द्र पासवान को जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर विजेता घोषित किया गया। उपाध्यक्ष पद के लिए हुए कड़े मुकाबले में 16 मत लाकर जदयू नेता नंदलाल राय ने 15 मत प्राप्त करने वाले राजीव कुमार को एक मत से पराजित कर दिया, जबकि दिनेश चौरसिया को मात्र तीन वोट मिले।
जिला परिषद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव तथा शपथ ग्रहण को लेकर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। समाहरणालय परिसर का दोनों द्वार पैक कर दिया गया था, बड़ी संख्या में तैनात मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारी सिर्फ जिला परिषद सदस्यों को ही अंदर जाने दे रहे थे। जहां कि कारगिल विजय सभा भवन में डीएम अरविंद कुमार वर्मा की मौजूदगी में हुए मतदान के बाद परिणाम घोषित किया गया।
डीएम ने बताया कि अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। जिसमें 35 में से 34 जिला परिषद सदस्य मतदान में उपस्थित हुए तथा वोटिंग के बाद सुरेन्द्र पासवान को अध्यक्ष एवं नंदलाल राय को उपाध्यक्ष निर्वाचित किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि राजनीतिक रूप से अति संवेदनशील बेगूसराय के 18 प्रखंड में जिला परिषद के 35 सदस्य चुने गए थे। पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के साथ अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष बनने के लिए पिछले एक महीने से जबरदस्त लॉबिंग चल रही थी तथा एनडीए नेताओं द्वारा समर्थित प्रत्याशी सुरेन्द्र पासवान को अध्यक्ष बनने से रोकने के लिए महागठबंधन के साथ ही निर्दलीय स्तर पर भी कड़ी लॉबिंग की जा रही थी। चर्चा खरीद बिक्री तक की हुई थी, लेकिन सारे कयासों को ध्वस्त करते हुए सुरेन्द्र पासवान ने अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया।