बिहार भाजपा का महत्वाकांक्षी लक्ष्य- सभी 40 सीटों पर जीत की योजना
पटना ,20 सितम्बर ।(ख.व.) बिहार में एनडीए के बीच जहाँ सीटों के बंटवारे की बातचीत अंतिम दौर में है वहीं भाजपा के टिकट पर जीते कुछ सांसदों का कामकाज पार्टी की परेशानी भी बढ़ा रहा है। पार्टी ने अपने सहयोगियों के तरफ 20-20 का जो पाशा फेंका है उसपर सहमति भी बन सकती है लेकिन इसके लिए उसे अपने जीते 6-7 सीटें जदयू को देनी पड़ सकती है। इसका कारण यह है कि पिछले चुनाव में सीमांचल , कोशी और भागलपुर प्रमंडल की सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन अत्यंत खराब रहा था। ये भाजपा की परंपरागत सीटें रही हैं और इनपर जदयू का खास जनाधार भी नहीं रहा है। मधेपुरा, सुपौल और अररिया जैसी सीटों को जदयू के खाते में देने में भाजपा को कोई दिक्कत भी दिखाई देती। वहीं पुर्णिया सीट पर जदयू का सांसद है। भाजपा की असली दिक्कत अपने सांसदों वाली सीटों पर है। पटना साहिब, दरभंगा और बेगूसराय में तो हर हाल में उम्मीदवारों को बदलना है वहीं कुछ ऐसी सीटें हैं जहाँ के वर्तमान सांसदों के खिलाफ न केवल लोगों में नाराजगी है बल्कि उनसे पार्टी के कार्यकर्ता भी खुश नहीं है। पार्टी के अंदरूणी सर्वे में जिन सीटों पर पार्टी परेशानी में है वे हैं- सासाराम , गोपालगंज, महाराजगंज और बाल्मीकि नगर। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर हम सीटवार चर्चा करें तो सासाराम के सांसद छेदी पासवान का टिकट कटना तय है। गया में हरि मांझी से कार्यकर्ता नाखुश हैं। गोपालगंज में भी कमोबेश यही हाल है।यहां कार्यकर्ता इस बात से भी नाराज रहते हैं सांसद से ज्यादा पार्टी के एक प्रदेश उपाध्यक्ष की ज्यादा चलती है। सबसे ज्यादा निराशाजनक माहौल महाराजगंज में है जहाँ पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी एक भी सीट जीतने में असफल रही। सभी छहों विधानसभा के उम्मीदवारों को लगता है कि उनके हार में वर्तमान सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल का हाथ था और ये सभी इनके उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं। अपने खिलाफ माहौल को भांपते हुए ये बगल की सीट सारण पर भी अपना दावा ठोक रहे हैं लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार सारण में चुनाव के दौरान जिस तरह धनबल और बाहुबल का प्रयोग होता है उसमें ये टिक नहीं पायेंगे। बाल्मीकि नगर के सांसद अपनी स्थिति सुधारने में लगे हैं अगर दो-तीन महीनें में स्थिति में सुधार होता है तो उन्हें पुनः लड़ाया जा सकता है। कुल मिलाकर अगर कुछ वर्तमान सांसदों के टिकट नहीं कटे तो मिशन 40 फेल भी हो सकता है।
खबर वर्ल्ड / नीरज कुमार