बलिया में एक खिलाड़ी, पूरा मैदान खाली

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-अभी तक गठबंधन या कांग्रेस के उम्मीदवार नहीं आए मैदान में
-भाजपा उम्मीदवार दो सप्ताह से कर रहे हैं चुनाव प्रचार
लखनऊ, 25 अप्रैल (हि.स.)। बलिया लोकसभा क्षेत्र में अभी तक ‘एक खिलाड़ी, पूरा मैदान खाली’ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। भाजपा ने अपना उम्मीदवार भदोही के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त को बनाया है। उन्होंने दो सप्ताह से गांव-गांव में घूमकर अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है, जबकि गठबंधन और कांग्रेस का अभी तक कोई उम्मीदवार सामने नहीं आया है। यह सीट सपा के खाते में है लेकिन अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं है। कुछ दिन तक तो नीरज शेखर, संग्राम सिंह सहित कई नेता क्षेत्र का भ्रमण करके खुद के लिए उम्मीदवारी की आस लगाये रहे लेकिन अब वह उम्मीद भी मायूसी में बदलती जा रही है जिससे कार्यकर्ता भी निराश हैं।
अंतिम चरण में 19 मई को होने वाले मतदान के लिए भाजपा उम्मीदवार के तहसील मुख्यालयों पर भी कार्यालय खुल चुके हैं, लेकिन अब तक विपक्ष का चुनाव प्रचार तक शुरू न होना मतदाताओं में चर्चा का विषय बना हुआ है। भाजपा समर्थकों का मानना है कि विपक्ष पहले ही हार मान चुका है। जब उनके उम्मीदवार अभी तक मैदान में नहीं आए हैं तो वे आमना-सामना कैसे करेंगे? बलिया लोकसभा सीट पर कांग्रेस कई दशक से कभी लड़ाई में नहीं रही। इसलिए यहां उनके समर्थक भी न के बराबर हैं। वीरेंद्र सिंह मस्त के समर्थकों का मानना है कि गठबंधन और कांग्रेस उम्मीदवार के मैदान में न आने से पूरा चुनाव एक तरफा होता जा रहा है। यदि अब कोई चुनाव मैदान में आता है तो ऐसे में उसका कोई मतलब नहीं रह जाता।
सपा समर्थक राम सुमेर यादव ने कहा कि पार्टी खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी चला रही है। यदि कार्यकर्ताओं में निराशा घर कर गई तो फिर किसी उम्मीदवार के आने का कोई मतलब नहीं रह जायेगा। कुल मिलाकर अभी तक विपक्ष ने वीरेंद्र सिंह मस्त के लिए पूरा मैदान खाली छोड़ रखा है। पर्चा दाखिला का काम भी शुरू हो गया है। यदि अंतिम समय में कोई उम्मीदवार आता भी है तो उसे कुछ जगहों पर ही अपना चेहरा दिखाते-दिखाते चुनाव समाप्त हो जाएगा। इसलिए अभी तक एकतरफा चुनाव होता दिखाई दे रहा है।

 


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