बजट प्रतिक्रिया : महज लेखानुदान नहीं चुनाव से पहले वोट पाने का बजट : कांग्रेस
नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। कांग्रेस ने शुक्रवार को बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आम चुनावों के पहले लेखानुदान पेश करने की बजाए सरकार ने एक पूर्ण बजट पेश कर वोट पाने के लिए दांव खेला है। ऐसा कर सरकार ने सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़ा है और उन्हें लगता है कि भाजपा अगली बार सत्ता में वापिस नहीं लौटेगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि सरकार का कार्यकाल महज 100 दिन रह गया है और प्रत्यक्ष कर रियायतें सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं थी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने राजकोषीय स्थिरता को कमजोर किया है। लगातार दूसरे साल सरकार राजकोषीय घाटा तय लक्ष्य से कम रखने में नाकाम रही है और अब संशोधित अनुमान 3.3 प्रतिशत से बढ़कर 3.4 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय सहायता योजना की घोषणा सरकार की हताशा साबित करती है। सरकार को राजकोषीय घाटा सीमित रखना चाहिए जबकि वह इसे बड़ा रही है। किसानों के लिए घोषित योजना पर इस साल 20 हजार करोड़ रुपये और अगले साल 75 हजार करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। यह खर्च सरकार उधार से पूरा करेगी। सवाल उठता है कि सरकार ने शहरी गरीबों के लिए क्या किया है।
चिदंबरम ने कहा कि देश के सभी गरीब परिवारों चाहे वह किसान हों या न हों, ग्रामीण हों या शहरी हों, को कांग्रेस की न्यूनतम आय गारंटी की घोषणा ही सही अर्थों में लाभ पहुंचायेगी।
चिदंबरम ने बजट भाषण में हिन्दी और अंग्रेजी के उपयोग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बजट असली रूप पर धीरे-धीरे स्पष्ट होगा और तब लोगों को सरकार की हताशा और लापरवाही दिखाई देगी।
कांग्रेस नेता ने सरकारी योजनाओं के बारे में झूठे दावे करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ओडीएफ मुक्त गांवों, घरेलू बिजली कनेक्शन, एलपीजी सिलेंडर के उपयोग और मुद्रा ऋण के बारे में किए गए दावे झूठे हैं। इस संबंध में पेश किए गए आंकड़े भी झूठ हैं।