बंगाल में बंद का असर: कई स्थानों पर ट्रेनें रोकी

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कोलकाता, 08 जनवरी (हि.स.)। माकपा, कांग्रेस और अन्य श्रमिक संगठनों की ओर से आहूत देशव्यापी हड़ताल का असर पश्चिम बंगाल में सुबह से ही देखने को मिल रहा है। सुबह 8:00 बजे के करीब बंद समर्थकों ने हावड़ा, सियालदह और अन्य रूटों पर रेलवे लाइन पर केले का पेड़ आदि डालकर ट्रेनों की आवाजाही ठप कर दी है।
हावड़ा मंडल में रिषड़ा और कोन्ननगर के रेलवे लाइन पर केले का पेड़ डालकर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई। सियालदह मंडल में बारुइपुर, मध्यमग्राम, डायमंड हार्बर और बनगांव सेक्शन में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे लाइन पर विरोध प्रदर्शन करते हुए ट्रेनों की आवाजाही रोक दी है। राजधानी कोलकाता में सुबह से ही बंद का हल्का-फुल्का असर देखने को मिला है। हालांकि सरकार की कोशिशों की वजह से बड़ी संख्या में सरकारी बसें सड़कों पर चल रही हैं लेकिन निजी बसें सुबह के समय ही सड़कों से नदारद हैं। पीली टैक्सी अभी कम चल रही हैं। यहां तक कि अधिकतर रूट में ऑटो की संख्या भी कम है। बुधवार का दिन होने की वजह से कामकाजी दिन है।लोग दफ्तर जाने के लिए घरों से निकले हैं लेकिन अधिकतर क्षेत्रों में रेलवे की आवाजाही बंद हो जाने की वजह से लोग पहुंच नहीं पा रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक कहीं से हिंसा की खबरें नहीं है।
सुबह से ही राजधानी कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुड़ा, बर्दवान आदि क्षेत्रों में माकपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने साझा रैली निकालकर सड़कों पर जाम लगा दिया है। इससे वाहनों की आवाजाही स्थगित है। अभी कहीं से भी जबरदस्ती बंद कराने की खबरें नहीं आई है। लेकिन ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए प्रशासन अलर्ट पर है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सुबह से ही कोलकाता समेत राज्यभर में अतिरिक्त संख्या में पुलिसकर्मी सड़कों पर उतरे हुए हैं। जहां कहीं भी रैली निकाली जा रही है वहां सुरक्षा और अधिक चुस्त की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि वेतन बढ़ोतरी, राष्ट्रीय संस्थानों के कथित निजीकरण, श्रमिकों से संबंधित कई मुद्दों समेत 10 सूत्री मांगों को लेकर ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। ममता बनर्जी ने इन मुद्दों का समर्थन तो किया है लेकिन हड़ताल को समर्थन करने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार को आदेश दिया है कि बंद के दौरान राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल रहे, यह देखा जाना चाहिए।

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