प्रशांत किशोर से रिश्ता काफी पुराना : मुख्यमंत्री
-भाषा का विवाद बढ़ाकर झारखंड सरकार कर रही अपना नुकसान
-पार्टी में सब कुछ ठीक
पटना, 19 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आजकल दिल्ली प्रवास पर हैं। इस दौरान उन्होंने प्रशांत किशोर से भी मुलाकात की है। प्रशांत किशोर से मुलाकात को लेकर सीएम नीतीश ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रशांत से हमारे पुराने संबंध है। आज भी हमारे उनके साथ संबंध अच्छे हैं।
सीएम ने कहा कि बिहार में हमारी पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। हम सब एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर से मुलाकात का कोई खास मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि प्रशांत किशोर की क्या वापसी संभव है? नीतीश कुमार ने कहा कि यह रिश्ता आज का नहीं है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हेमंत सरकार के फैसले पर सख्त ऐतराज जताया है। सीएम नीतीश ने कहा कि एक परिवार की तरह दोनों राज्य हैं। भले ही अलग होकर झारखंड का गठन हुआ। झारखंड के अंदर भोजपुरी और मगही ही बोलने वाले लोगों की बड़ी तादाद है। बिहार में भी यही बात लागू होती है लेकिन पता नहीं झारखंड सरकार क्यों इस तरह का फैसला कर रही है।
सीएम नीतीश ने कहा है कि बिहार और झारखंड की सीमा से सटे अलग-अलग इलाकों में मगही और भोजपुरी बोली जाती है। भोजपुरी बोलने वाले लोगों की तादाद कहीं ज्यादा है। बगही भी झारखंड में बोली जाती है। यूपी से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में भोजपुरी बोलने वाले लोग हैं। पता नहीं हेमंत सरकार किस तरह का फैसला कर रही है। नीतीश कुमार ने कहा कि इस फैसले से झारखंड की सरकार को खुद नुकसान होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के अंदर किसी भी तरह के गतिरोध और विवाद को भी सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां कुछ भी इधर-उधर नहीं हैं, जो लोग भी गलतफहमी पाले बैठे हैं उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि पार्टी में सब लोग एकजुट हैं। हालांकि, सीएम ने सदस्यता अभियान को लेकर एक बात स्पष्ट कर दी कि समय पर ही इसे शुरू किया जाएगा और राष्ट्रीय अध्यक्ष इसे लेकर फैसला करेंगे। आरसीपी सिंह से मुलाकात को लेकर जब सवाल हुआ तो नीतीश ने हंसते हुए यह जवाब दिया कि आरसीपी सिंह उनकी ही पार्टी के नेता हैं तो मुलाकात क्यों नहीं होगी।