प्रधानमंत्री ने की आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत

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रांची, 23 सितम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 40-45 सालों में वोट बैंक के लिए योजनाएं बनाई गई थी । लेकिन उनकी सरकार ने सबका साथ सबका विकास के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की आज शुरुआत की है। मोदी ने राज्य में चाईबासा और कोडरमा मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करते हुए कहा कि 600 करोड़ की लागत से इन दोनों मेडिकल कॉलेजों का निर्माण होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने रांची के प्रभात तारा मैदान में आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना की शुरुआत करते हुए रविवार को कहा कि यह योजना सभी जाति, धर्म-सम्प्रदाय और मजहब के लोगों के लिए है। उन्होंने कहा कि यह योजना ईश्वर में विश्वास करते हैं उनके लिए और जो नहीं करते हैं उनके लिए भी है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन 25 सितम्बर से पहले आज 23 सितम्बर को इस योजना की शुरुआत की गई है। दीनदयाल उपाध्याय कहते थे कि शिक्षा की तरह स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च नहीं बल्कि निवेश है। उन्होंने कहा कि धरती जिसने ऊर्जा की अनुभूति करती थी ऐसे राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की आज जयंती है। इन महापुरुषों के आशीर्वाद के साथ समाज में भेदभाव खत्म करने के लिए ऐसी बीमा योजना हम देश के गरीबों को दे रहे हैं।
मोदी ने राज्य में चाईबासा और कोडरमा मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करते हुए कहा कि 600 करोड़ की लागत से इन दोनों मेडिकल कॉलेजों का निर्माण होगा। पीएम ने कहा कि इस योजना के शुरु होने से देश में आने वाले तीन वर्षों में 2500 नए आधुनिक अस्पताल खुलेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के बाद दवा उत्पादन, उपकरण निर्माण में भी लाखों करोड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। पैरा मेडिकल के क्षेत्र में रोजगार मिलेगा। मेडिकल स्टार्टअप को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए भी काफी अवसर पैदा होंगे ।
पीएम ने कहा कि इस योजना की मानवता की बड़ी सेवा के रूप में आंकलन होना तय है। आखिरी पक्तिं में जो इंसान खड़ा है उसे स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिले वह इस योजना से संभव हो पाएगा। उन्होंने कहा कि 70 सालों में राज्य में तीन मेडिकल कॉलेज में केवल 350 विद्यार्थी थे लेकिन पिछले चार सालों में राज्य में पांच नए मेडिकल कॉलेज खुले और विद्यार्थियों की संख्या भी 1200 हो गई है।
पीएम ने राज्य के दस हेल्थ और वेलनेस सेंटर का ऑनलाइन शुभारंभ किया और कहा कि इस योजना को सफल बनाने में इन सेंटरों की भी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि पांच लाख तक रुपये की हेल्थ इश्योरेंस देने वाली यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। पूरे विश्व में सरकारी पैसे से इतनी बड़ी योजना नहीं चल रही है। इस योजना के लाभार्थी पूरे यूरोपियन यूनियन के 27 -28 देश की आबादी से अधिक तथा अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको को मिलाकर होने वाली जनसंख्या से अधिक है।
उन्होंने इस योजना को बनाने वाली और इसे कार्य रूप में उतारने वाली अपनी टीम को बधाई देते हुए कहा कि पहले इस टीम को प्रधानमंत्री का ताकत और समर्थन मिलता था लेकिन अब देश के 50 करोड़ गरीबों का आशीर्वाद मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब गरीबों को भी वही स्वास्थ्य सेवा मिलेगी जो पहले अमीरों को मिलती थी। इस योजना को कुछ जिलों में पहले से ट्रायल चल रहा था। उन्होंने कहा कि भारत में इलाज होने वाला 100 रुपये में से 60 रुपये से ज्यादा बोझ परिवार पर ही पड़ता है और उसकी कमाई का ज्यादातर हिस्सा इसी में खर्च हो जाता है। गरीबी से बाहर जब परिवार निकलता है तो एक बीमारी उसे फिर से गरीबी में ला देता है। उन्होंने कहा कि 40-50 वर्ष पहले गरीबी की राजनीति करने वाले लोग अगर गरीबों का सशक्तिकरण किए होते तो देश को आज यह नहीं भुगतना पड़ता। गरीब जितना स्वाभिमानी होता है उसको नापने की आपके पास तराजू नहीं है। मैंने गरीबी को जिया है, उससे निकला है और गरीब का स्वाभिमान जी-भरकर जिया है। देश में कभी भी गरीबों के स्वाभिमान को समझने का प्रयास नहीं किया न ही उसके सपनों को साकार करने का काम किया। चुनाव के समय वोट के लिए गरीबों को पास टुकड़े फेंके जाते थे लेकिन कभी उसको मजबूत करने का काम नहीं किया गया। जबकी हमारी सरकार ने गरीबों के सशक्तिकरण पर बल दिया, गरीबों को गैस का कनेक्शन दिलाया, बैंकों में गरीबों का खाता खुला और इससे वह आत्मसम्मान की अनुभूति का अनुभव करता हैं। एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली ज्यादातर बेटियां और बेटे छोटे शहरों और गरीब घरों में पैदा हुए। कुपोषण में पले-बढ़े लेकिन मौका मिला तो देश का नाम रौशन किया । उन्होंने कहा कि इस योजना से 1300 गंभीर बीमारियों का इलाज संभव होगा तथा भर्ती-जांच और इलाज में होना वाला खर्च भी बीमा राशि में शमिल है। सभी को इस योजना का लाभ मिले ऐसी व्यवस्था की गई है ।
पीएम ने कहा कि टेलीफोन से भी पता लगाया जा सकता है कि इस योजना के तहत परिवार के किन-किन लोगों का नाम शामिल है0। गांव की आशा और एएनएम भी तथा अस्पताल में प्रधानमंत्री आरोग्य मित्र भी इलाज में पूरा सहयोग करेंगे। देशभर में 13 हजार से अधिक अस्पताल इस योजना के तहत जुड़ चुके हैं। जो अस्पताल गरीबों को खासकर गांव के अस्पताल बेहतर सेवा देंगे उन्हें हम मदद देंगे। झारखंड में हेल्थ एडं वेलनेंस के 40 सेंटर होंगे ,जबकि देश भर में इसकी संख्या 2000 से ढाई हजार के बीच है और अगले चार वर्ष में इसकी संख्या बढ़कर डेढ़ लाख हो जाएगी। बीमारी न हो इसके लिए भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है तथा इसे योग आदि से जोड़ा जा रहा है। स्वच्छ भारत की वजह से तीन लाख नवजात का जीवन बचाने में हम सफल रहे। उन्होंने कहा कि इस योजना से न्यू इंडिया, स्वस्थ्य आरोग्य और आयुष्मान भारत का संकल्प पूरा होगा ।


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