पाकिस्तान ने छवि सुधारने को किया मदरसों का सरकारीकरण
इस्लामाबाद, 30 अप्रैल (हि.स.)। आतंकवाद के पोषक के रूप में कुख्यात पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय दबाव में अपनी छवि सुधारने में जुट गया है। इमरान सरकार ने देश में चल रहे करीब तीस हजार से ज्यादा मदरसों को अपने अधीन करने का निर्णय किया है। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
विदित हो कि इन मदरसों में अब धार्मिक पढ़ाई के साथ अन्य विषयों को भी पढ़ाया जाएगा ताकि छात्र देश की मुख्यधारा से जुड़ जाएं। दरअसल, पाकिस्तान में मदरसों से आतंक की फैक्ट्री चलाई जाती है। खुद पाकिस्तान भी इस बात को मानता है।
समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, सोमवार को मदरसों पर बड़े फैसले की घोषणा करते हुए सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भी माना कि यहां मौजूद मदरसे आतंकवाद फैलाने में शामिल है। हालांकि, उन्होंने इसकी संख्या काफी कम बताई है।
रावलपिंडी में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि पाकिस्तान में 1947 में 247 मदरसे थे जो 1980 में बढ़कर 2861 हो गए। लेकिन मदरसों की संख्या अब 30,000 से ज्यादा हो गई है।
गफूर ने कहा कि सभी मदरसों को शिक्षा मंत्रालय के तहत लगाया जाएगा ताकि समसामयिक विषयों को भी पढ़ाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अब मदरसों के लिए ऐसे पाठ्यक्रम बनाए जाएंगे, जिसमें नफरत भरे भाषण नहीं होंगे और छात्रों को सभी धर्मों का सम्मान करने की शिक्षा दी जाएगी।