पटनाः लालू के बेटे तेजप्रताप ने राजद के ख़िलाफ़ खोला मोर्चा, लालू-राबड़ी मोर्चा बनाने का ऐलान
पटना,1 अप्रैल (हि.स.)। लालू यादव के परिवार और राष्ट्रीय जनता दल को जिसकी आशंका थी, ऐन लोकसभा चुनाव के वक़्त ही यह खुलकर सामने आ गया है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप ने अपनी पार्टी के ख़िलाफ़ ही मोर्चा खोलकर पार्टी के बंटवारे को सुनिश्चित कर दिया। राजद में कार्यकर्ताओं की लगातार अनदेखी किए जाने का आरोप लगाते हुए लालू-राबड़ी मोर्चा के रूप में उन्होंने अलग दल के गठन का ऐलान कर दिया।
चुनावी इम्तिहान शुरू होने से पहले ही राजद और लालू यादव के परिवार का संकट सोमवार को और भी गहरा हो गया। पार्टी में तेजस्वी यादव के सामने लगातार कम होते अपने वजूद से आहत होकर तेजप्रताप यादव ने आख़िरकार खुली बग़ावत कर दी है। तेजप्रताप यादव ने कहा कि राजद में ईमानदार, निष्ठावान और कर्मठ कार्यकर्ताओं के लिए कोई जगह नहीं बची है। उनका दावा है कि जिन कार्यकर्ताओं ने अपना पूरा जीवन पार्टी के लिए न्यौछावर कर दिया, उन्हें चुनाव में टिकट नहीं देकर बाहरी लोगों तवज्जो दी गई। उनकी बातें पार्टी के भीतर नहीं सुनी जा रही है इसलिए उन्होंने अलग मोर्चा बनाने का फ़ैसला किया है।
इससे पूर्व कुछ दिनों पहले ही उन्होंने राजद छात्रसंघ से इस्तीफा देते हुए अपने तेवर को जाहिर कर दिया था। अपने ही परिवार और पार्टी में अकेला पड़ने पर उन्होंने जिस अंदाज़ में इस पद से इस्तीफ़ा दिया था, उससे अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं था कि आनेवाले दिनों में वे किस हद तक जा सकते हैं। तब उन्होंने ट्विट किया था- नादान हैं उन्हें नादान समझने वाले। दरअसल, तेजप्रताप यादव जहानाबाद और शिवहर लोकसभा सीट पर अपने पसंद के उम्मीदवारों का चयन करना चाहते थे। उसे दरकिनार करते हुए तेजस्वी यादव ने राजद के लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा कर तेजप्रताप यादव की नाराजगी को हवा दे दी। हालांकि राजद की तरफ से अभी भी शिवहर लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं हुई है।
इतना ही नहीं, तेजप्रताप यादव इसलिए भी आहत बताए जाते हैं क्योंकि राजद ने सारण लोकसभा सीट पर उनके ससुर चंद्रिका राय को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। छोटे-से वैवाहिक जीवन में लंबे विवाद के बाद उन्होंने तलाक की अर्जी दी है। इसलिए ससुर चंद्रिका राय को पार्टी का टिकट दिया जाना उन्हें बेहद नागवार गुजरा। उन्होंने चंद्रिका राय के ख़िलाफ़ स्वयं मैदान में उतरने की घोषणा भी कर दी। इस सीट पर उन्होंने लालू यादव- राबड़ी देवी के बाद अपना दावा पुख्ता किया है।
इस बीच राजद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तेजप्रताप की इस तरह की कवायद सफल नहीं होगी और एक-एक ईंट जोड़कर चुनाव लड़ने की कोशिश कर रही राजद इस तरह के लोगों को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस नेता ने कहा कि राजद के हाथ में शासन आने की संभावना की राह में इस तरह के कार्य से कांटे बिछाने की कोशिश की जा रही है।