नागरिकता अधिनियम लागू करने की मांग पर राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी में पार्टी से नाराज भाजपा नेता
कोलकाता, 18 जनवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब पार्टी से नाराज मतुआ समुदाय के वरिष्ठ नेता अपनी ही केंद्र सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। बंटवारे के समय बांग्लादेश से आकर भारत में बसे हिंदू “मतुआ” समुदाय को स्थाई नागरिकता दिलाने के लिए नागरिकता अधिनियम (सीएए) लागू करने की मांग पर राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी की जा रही है। भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर और सुब्रत ठाकुर के नेतृत्व में यह आंदोलन होगा। इसमें विधायक अशोक कीर्तनिया और मुकुट मणि अधिकारी भी शामिल होंगे। नाराज नेताओं से जुड़े एक करीबी सूत्र ने “हिन्दुस्थान समाचार” को बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य नेताओं ने बंगाल में नागरिकता अधिनियम लागू करने का वादा किया था। चुनावी घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र था लेकिन चुनाव हार जाने के बाद इसकी कहीं कोई चर्चा नहीं है। इसकी वजह से लगातार मतुआ समुदाय में नाराजगी बढ़ रही है। जिन लोगों ने इस उम्मीद में इस समुदाय से नेताओं को सांसद के तौर पर भाजपा के टिकट पर जीताया था उनके सामने जनप्रतिनिधियों का खड़ा होना मुश्किल है। इसीलिए अपनी ही पार्टी के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई गई है।
रविवार को ही शांतनु ठाकुर ने नाराज नेताओं को लेकर पार्टी की है जिसमें प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार, पूर्व महासचिव सायंतन बसु, रितेश तिवारी समेत कई अन्य नेता शामिल हुए थे। ठाकुर का कहना है कि समुदाय के लोग डरे हुए हैं क्योंकि उन्हें स्थाई नागरिकता देने का वादा पूरा नहीं किया गया। अखिल भारतीय मतुआ महासंघ के प्रतिनिधि जल्द ही इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और सीएए को तुरंत लागू करने की मांग करेंगे।
राज्य में कम से कम 35 विधानसभा क्षेत्र के चुनाव परिणाम को प्रभावित करने वाले इस समुदाय को खुश करने के लिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव के पहले से ही स्थाई नागरिकता का वादा किया था लेकिन अब इसकी कहीं कोई चर्चा नहीं होने से नाराजगी बढ़ रही है। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश