दोहा वार्ता में अफ़ग़ानिस्तान संकट के समाधान के संकेत!

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लॉस एंजेल्स, 27 जनवरी (हि.स.)। अमेरिका और तालिबान के बीच दोहा में छह दिनों की लगातार वार्ता के बाद संकेत मिल रहे हैं कि आगे सबकुछ ठीक रहा तो निकट भविष्य में अफ़ग़ानिस्तान में 17 वर्षों से चले आ रहे युद्ध का समाधान संभव है।
अमेरिकी प्रतिनिधि जलमय ख़लीलजाद शनिवार को छठे दिन की वार्ता के बाद अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ गनी सहित कई दूसरे अधिकारियों से बातचीत करने के लिए दोहा से काबुल रवाना हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ख़लीलजाद ने दोहा से रवानगी से पहले अफ़ग़ानिस्तान संकट के समाधान के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। उन्होंने सिर्फ़ इतना ही कहा कि वार्ता में ‘महत्वपूर्ण प्रगति’ हुई है। अमेरिकी प्रतिनिधि ने ट्वीट में कहा कि क़तर में यह वार्ता पिछली सभी वार्ता से ज़्यादा उत्साहवर्धक थी। उधर, तालिबान ने भी क़तर वार्ता को सफल बताते हुए कहा है कि कुछेक अनसुलझे सवालों पर चर्चा होनी बाकी है। ख़लीलजाद ने भी वार्ता जारी रखने पर ज़ोर दिया है।
बताया जाता है कि तालिबान ने युद्धबंदियों की रिहाई और अपने नेताओं के अफ़ग़ानिस्तान में कहीं भी बेरोकटोक आने- जाने पर लगे प्रतिबंध को हटाने की माँग की थी। इसके अलावा तालिबान ने अमेरिकी सेनाओं की वापसी की तिथियों और कार्यक्रम पर ज़ोर दिया है। इसके जवाब में अमेरिकी प्रतिनिधि ने भी यह लिखित आश्वासन माँगा है कि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन से अलकायदा तथा इस्लामिक स्टेट की किसी भी आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तालिबान ने एकबार फिर अफ़ग़ानिस्तान सरकार से वार्ता करने से मना कर दिया है। वह उसे अमेरिका की पिट्ठू सरकार मानती है। तालिबानी प्रतिनिधि ने कहा है कि एकबार अमेरिकी सेनाओं की वापसी की तिथि घोषित होने के बाद अफ़ग़ानिस्तान सरकार से भी बातचीत करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अफ़ग़ानिस्तान से सेना की वापसी की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। बताया जाता है कि एक प्रारूप तैयार किया गया है, जिसमें अगले 18 महीने में अमेरिकी सेना की वापसी के बारे में कहा जा रहा है। इसके बदले तालिबान इसकी गारंटी देने को तैयार हो गया है कि वह अलकायदा और इस्लामिक स्टेट को अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिका पर किसी आतंकी हमले की इजाज़त नहीं देगा। दोनों के बीच युद्धबंदियों के आदान- प्रदान पर भी चर्चा हुई है। यह भी कहा जा रहा कि तालिबानी नेताओं के अफ़ग़ानिस्तान में कहीं भी आने-जाने पर कोई रोकटोक नहीं होगी। 


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