दो जुलाई को सूर्यग्रहण और 16 जुलाई को चंद्रग्रहण लगेगा

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इस साल का तीसरा एवं अंतिम ग्रहण सूर्यग्रहण होगा, जो 26 दिसम्बर को लगेगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण केवल दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में ही दृश्यमान होगा। जहां यह ग्रहण दृश्यमान होगा, उन क्षेत्रों में ग्रहण के यम-नियम मान्य व प्रभावी होंगे। ग्रहण का स्पर्शकाल प्रात: 8.10 बजे, मध्यकाल प्रात: 9.31 बजे और मोक्ष 10.51 बजे पर होगा। 



चंडीगढ़, 26 जून ( हि.स.) । आगामी दो जुलाई को खग्रास सूर्यग्रहण और 16 जुलाई को खंडग्रास चंद्रग्रहण लगेंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित शिवकुमार शर्मा ने बुधवार को बताया कि खग्रास सूर्यग्रहण दो जुलाई को भारतीय समय अनुसार रात्रि 10:25 से सुबह 3:21 बजे तक रहेगा। यह अमेरिका, ब्राजील, चिली, पेरु, अर्जेंटीना, कोलंबिया व प्रशांत महासागर इत्यादि देशों में देखा जा सकेगा, लेकिन भारत में कहीं भी दिखाई नहीं देगा। यह सूर्यग्रहण भारत में दृष्टिगोचर नहीं होने के कारण इसके महत्व आदि का विचार नहीं करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि खंडग्रास चंद्रग्रहण 16 -17 जुलाई को मध्य रात्रि 01:31 से शुरू होकर सुबह 4:30 तक रहेगा। यह पूरे भारत में दिखाई देगा।
इस साल का तीसरा एवं अंतिम ग्रहण सूर्यग्रहण होगा, जो 26 दिसम्बर को लगेगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण केवल दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में ही दृश्यमान होगा। जहां यह ग्रहण दृश्यमान होगा, उन क्षेत्रों में ग्रहण के यम-नियम मान्य व प्रभावी होंगे। ग्रहण का स्पर्शकाल प्रात: 8.10 बजे, मध्यकाल प्रात: 9.31 बजे और मोक्ष 10.51 बजे पर होगा।
उल्लेखनीय है कि ग्रहण दो प्रकार के होते हैं- सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण। सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण भी मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं- खग्रास और खंडग्रास। जब ग्रहण पूर्णरूपेण दृश्यमान होता है तो उसे खग्रास और जब कुछ मात्रा में दृश्यमान होता है तब उसे खंडग्रास कहा जाता है।

 


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