देश भर के सेवारत चिकित्सक कल काली पट्टी बांधकर करेंगे कार्य
राजस्थान/उदयपुर, 15 मार्च (हि.स.)। आॅल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (अरिसदा) के बैनर के तले पूरे देश के सेवारत चिकित्सक 16 मार्च को काली पट्टी बांध कर कार्य करेंगे व राज्य और जिला मुख्यालयों पर जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और राज्य के मुख्य मंत्री को ज्ञापन प्रेषित करेंगे। अरिसदा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. एस.एल. बामनिया ने बताया कि देशभर में ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू एवं सुदृढ़ करने के लिए सेवारत चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए ये मांग की गई कि ऐसे सेवारत चिकित्सकों को स्नातकोत्तर डिग्री के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जाना चाहि एताकि उनकी रुचि देश के वंचित वर्ग की सेवा करने में बनी रहे। इसी क्रम में फेडरेशन इस निर्णय पर पहुंची कि नित नए फैसले और आदेश निकाल कर चिकित्सको के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना किया जाए तथा पूरे देश में 50 प्रतिशत पीजी सीटों पर सेवारत ग्रामीण चिकित्सकों के लिए आरक्षित रखी जाए। महासचिव डॉ. तरुण व्यास ने बताया कि नेशनल कमीशन बिल (एनएमसी) बिल को पुरजोर विरोध किया जाएगा जिस प्रारूप में ये बिल प्रस्तावित है, वो देश की चिकित्सा व्यवस्था को तहस नहस कर देगा। अतः इस बिल का राष्ट्रव्यापी विरोध किया जाएगा। यदि केंद्रीय सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती तो फेडरेशन कड़े कदम उठाने पर मजबूर होगा। इस संदर्भ में 19 मार्च को पूरे देश के सेवारत चिकित्सको द्वारा दिल्ली में रैली निकाली जाएगी। सामूहिक अवकाश व अन्य तरीकों से विरोध प्रदर्शन के बारे में फेडरेशन की मई 2018 में मुम्बई में होनी वाली बैठक में निर्णय किया जाएगा। पूरे देश में सेवारत चिकित्सकों के वेतनमान में भारी विसंगतियां हैं, इस पर चर्चा करते हुए बिहार राज्य को उदाहरण मानते हुए पूरे देश मे एक समान वेतन व्यवस्था होनी चाहिए। केंद्र और राज्यों के चिकित्सकों में समान कार्य के लिए समान वेतन होना चाहिए। बिहार राज्य में इसी वर्ष से इसे लागू कर दिया गया है और अन्य राज्यों में भी इस शीघ्रातिशीघ्र लागू किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो जून 2018 के पश्चात देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। पूरे देश को छह जोन में बांटा गया ताकि आंदोलन को सुचारू रूप से चलाया जाएगा।