दिल की सुनो और बस जुट जाओ! सफलता खुद-ब-खुद कदम चूमेगी: मिशेल ओबामा
लॉस-एंजेल्स, 02 मई (हि.स.)। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में बुधवार को कॉलेज के साइनिंग डे के मौके पर मिशेल ओबामा ने छात्रों को संबोधित किया। इन्होंने कहा कि दिल की सुनो और बस जुट जाओ! सफलता खुद-ब-खुद तुम्हारे कदम चूमेगी।
बुधवार को कॉलेज साइनिंग डे एक पर्व के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर देश के दूर-दराज के गांवों, छोटे-बड़े शहरों से हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं आए हुए थे। उनके बीच पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने जैसे ही पवेलियन स्टेज पर कदम रखा, करतल ध्वनि से छात्र-छात्राओं ने उनका अभिवादन किया। टीवी होस्ट कोनन ब्रियान ने उनका परिचय कराया। मिशेल ने एक एक सखा, बहन और मां के रूप में छात्र-छात्राओं से कहा, मैं जब हाई स्कूल स्टूडेंट थीं तो मेरे काउंसलर ने कहा था कि मुझमें आई वी लीग मैटिरियल नहीं हैं। तब मैंने अपना चेहरा उठाकर कहा था कि मैं भी देख लूंगी। लेकिन मैं प्रिंसटन और हारवर्ड लॉ स्कूल तक गई।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में हाई स्कूल के बाद प्रत्येक छात्र-छात्राओं का एक सपना होता है कि वह अमेरिका के सर्वोत्तम पांच कॉलेजों की आईवीलीग में जाए। खास तौर पर अश्वेत छात्र-छात्राओं के लिए यह दिवा स्वप्न होता था। मिशेल ने भी इस बात का अहसास किया और अमेरिकी बच्चों खास तौर पर निर्धन बच्चों के लिए ‘रीच हायर’ नाम से एक अभियान के जरिए कॉलेज साइनिंग डे कार्यक्रम को अपने हाथ में लिया, ताकि उन्हें अपने मन पसंद कॉलेज में जाने का मौका मिल सके। अभियान शुरू होने के बाद मिशेल पहली बार यूसीएलए आई थीं।
अमेरिका की सुप्रसिद्ध यूनिवर्सिटीज में एक यूसीएलएके पवेलियन में ‘कॉलेज साइनिंग डे’ पर एक पर्व जैसा माहौल था। हाई स्कूल से कॉलेज की दस्तक देने वाले स्टूडेंट रंग-बिरंगी टी-शर्ट पहने हुए थे। इन पर हारवर्ड, ड्यूक, डार्टमाउथ, यूनिवर्सिटी आफ शिकागो, यू सी बर्कली आदि मशहूर कॉलेजों के नाम लिखे थे। ये शर्ट पहने वे स्टूडेंट्स थे, जो निम्न आय वर्ग के थे। इनमें काइला परेज एक वह छात्रा भी थी जो स्कूली शिक्षा के साथ तीन जगह रोजगार करती थी, डिकैथलन टीम की सदस्य और स्कूल मैगजीन की एडिटर भी थीं। मिशेल को इस छात्रा के बारे में पता लगा तो उन्होंने उसे गले लगा लिया।
मिशेल ओबामा ने कहा कि 21वीं सदी में तीन चौथाई रोजगार के लिए हाई स्कूल नहीं, उच्च शिक्षा के साथ प्रशिक्षण भी उतना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि कॉलेज शिक्षा अपने लिए ही नहीं, समाज के लिए भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने हाल में अपनी सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तक ‘बीकमिंग’ में मुख्यता अपने छात्र जीवन के संस्मरण लिखे हैं, जिसमें कहा गया है कि वह जब हाई स्कूल स्टूडेंट थीं, साउथ शिकागो के अपने घर से दो बसें बदल कर 90 मिनट का सफर तय कर स्कूल पहुंचती थीं। उसने मेधावी होने के साथ धैर्य और आत्मविश्वास के साथ जीवनचर्या को खूबसूरत बनाया था।