दक्षिण मुंबई सीट पर शिवसेना और कांग्रेस बीच होगा कांटे का मुकाबला
मुंबई, 04 मार्च (हि.स.)। देश की सबसे धनाढ्य सीटों की श्रेणी में आनेवाली महाराष्ट्र की दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर इस बार कांटे का मुकाबला नजर आएगा। प्रमुख राजनीतक दलों पर गौर करें तो यहां शिवसेना के वर्तमान सांसद अरविंद सावंत और कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा के बीच कड़ी टक्कर नजर आएगी। कांग्रेस जहां इस सीट को फिर से अपने पाले में लाने की जोर आजमाईश करेगी तो वहीं शिवसेना इस सीट पर कब्जा जमाए रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाएगी।
महाराष्ट्र की 48 संसदीय सीटों में से सबसे धनाढ्य लोकसभा सीट दक्षिण मुंबई है। इस लोकसभा सीट में देश के सबसे अमीर, नेता, मंत्री, उद्योगपति और फिल्म सहित विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां रहती हैं। आखिर उनका प्रतिनिधि होना भी एक बड़ी हैसियत की बात होती है। इस सीट के दायरे में बड़ी-बड़ी कंपनियों के कार्यालय के साथ विधानभवन, राजभवन, मंत्रालय, बांबे हाईकोर्ट और बीएमसी मुख्यालय सहित तमाम बड़े सरकारी कार्यालय हैं। भाजपा-शिवसेना अलग-अलग लड़ते हैं तो इस सीट से रोमांचक और कांटे का मुकाबला होगा। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और शिवसेना के बीच यदि कड़ा मुकाबला होता है, तो मराठी वोटों में फूट पड़ने का फायदा कांग्रेस को हो सकता है। एमआईएम, आप आदमी पार्टी, जनता दल सेक्युलर, सपा और बसपा जैसे छोटे दलों के उम्मीदवारों की उपस्थिती निकट भविष्य में स्पष्ट होगी। आप पार्टी की ओर से मीरा सन्याल चुनाव लड़ती रही हैं। उनके निधन के बाद देखना दिलचस्प होगा कि आप पार्टी का नया चेहरा कौन होगा।
यहां छह लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का परचम रहा है। तकरीबन 14 लाख मतदाताओं की संख्यावाली इस सीट पर कब्जा जमाना हर राजनीतिक दलों की इच्छा रहती है। बताया जाता है कि कांग्रेस-एनसीपी के चुनावी समझौते में दक्षिण मुंबई सीट कांग्रेस के हिस्से आना तय है। मनमोहन सरकार में मंत्री रह चुके मिलिंद देवड़ा इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। पिछले कई चुनावों में तीसरे नंबर पर रही शिवसेना ने वर्ष २०१४ के चुनाव में मोदी लहर में इस सीट पर कब्जा जमाया था। शिवसेना के उपनेता व शिवसेना टेलीफोन कामगार यूनियन के नेता अरविंद सावंत इस सीट से सांसद चुने गए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्ववंदी कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा को पराजित किया था। मिलिंद लगातार तीसरी बार सांसद बनने से चूक गए थे। मिलिंद के पिता दिवंगत मुरली देवड़ा इस सीट से चार बार सांसद रहे थे। कांग्रेस कोटे से देवड़ा परिवार ने इस सीट पर पांच दशक से अधिक काल तक राज किया है।
आठवीं लोकसभा (1984-89) में कांग्रेस के मुरली देवड़ा इस सीट से विजयी हुए और लगातार तीन बार इस सीट से सांसद चुने गए। ग्यारहवीं लोकसभा (1996-98) में कांग्रेस के गढ़ में भाजपा ने सेंध लगाई जयवंती बेन मेहता ने मुरली देवड़ा को पराजित किया। हालांकि आगे चलकर बारहवीं लोकसभा (1998-99) में कांग्रेस ने फिर बाजी पलट दी और कांग्रेस के मुरली देवड़ा चौथी बार सांसद चुने गए। तेरहवीं लोकसभा (1999-2004) में इस सीट पर भाजपा का कमल फिर एक बार खिला, जिसमें भाजपा की जयवंती बेन मेहता ने मुरली देवड़ा को पराजित किया। चौदहवीं लोकसभा (2004-09) में मुरली देवड़ा के पुत्र मिलिंद देवड़ा ने भाजपा की जयवंती बेन मेहता को पराजित करके फिर से कांग्रेस के गढ़ पर कब्जा जमाया। पंद्रहवीं लोकसभा (2009-14) में भी मिलिंद देवड़ा इस सीट से विजयी हुए और केंद्र में मंत्री बने। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी मनसे के बाला नांदगांवकर को 1 लाख 12 हजार 682 वोटों से पराजित किया था। सोलहवीं लोकसभा (2014-19) में भाजपा – शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। मोदी लहर में शिवसेना के अरविंद सावंत ने मिलिंद देवड़ा को पराजित किया। शिवसेना उम्मीदवार मोहन रावले तीसरे स्थान पर रहे। वर्ष 2014 के चुनाव में अरविंद सावंत को 3,74,609 वोट पाकर जीत हासिल की थी। दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के मिलिंद देवडा को 2,46,045 वोट मिले थे। तीसरे स्थान पर रहे मनसे के बाला नांदगांवकर को 84,773 वोट मिले थे।
नए परसीमन के बाद दक्षिण मुंबई संसदीय सीट का दायरा बढ़ा है। इस सीट के अंतगर्त मलबार हिल, कुलाबा, मुंबादेवी, वर्ली, भायखला और शिवडी विधानसभा क्षेत्र आते हैं। मलबार हिल विधानसभा सीट से भाजपा के मंगलप्रभात लोढा, कुलाबा से भाजपा के राज पुरोहित. मुंबादेवी से कांग्रेस के अमीन पटेल, भायखला से एमआईएम के वारिस युसूफ पठान, वर्ली से शिवसेना के सुनील शिंदे और शिवडी सीट से शिवसेना के अजय चौधरी विधायक हैं। देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा की छह सीटों में से चार सीटों पर भाजपा और शिवसेना के विधायक हैं। एेसे में कांग्रेस की नैया किस करवट बैठती है। इस संसदीय सीट के मतदाताओं पर गौर करें तो यहां 43 फीसदी मराठी भाषी हैं, 28 फीसदी गुजराती और 18 फीसदी मुसलमान हैं। इसके अलावा हिंदी भार्षियों की भी निर्णायक संख्या है। वर्ष 2014 के चुनाव में पराजय हाथ लगने के बाद भी भायखला और मुंबादेवी विधानसभा सीट से कांग्रेस को अधिक वोट मिले थे।