डॉ. हेडगेवार के जंगल सत्याग्रह पर बनेगा संग्रहालय
– केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा दिया जाएगा अनुदान
नागपुर, 22 जनवरी (हि.स.) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1930 में महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में स्थित पुसद में जहां जंगल सत्याग्रह किया था, स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा यहां एक संग्रहालय स्थापित किया जाएगा। परियोजना सलाहकार आशीष कुमार ने संग्रहालय की डीपीआर तैयार करने के आदेश दिए।
इस वर्ष भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ है। इसी के चलते पूरे देश में कार्यक्रम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। स्वतंत्रता संग्राम में मील का पत्थर रही ‘दांडी यात्रा’ के आयोजन को 91 वर्ष पूरे हो रहे हैं। महाराष्ट्र के विदर्भ में ‘दांडी यात्रा’ या नमक सत्याग्रह का रूप जंगल सत्याग्रह है। यह सत्याग्रह संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार की अगुवाई में हुआ था। नतीजतन डॉ. हेडगेवार के सम्मान में यहा संग्रहालय बनाया जाएगा। यवतमाल में दीनदयाल बहुउद्देशीय प्रसारण बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजानन परसोडकर ने इस संग्रहालय को ले कर प्रस्ताव दिया था। इस पर भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने 11 फरवरी, 2021 को पुसाद में जंगल सत्याग्रह के अवसर पर संग्रहालय बनाने की मांग की थी।
विदर्भ में लोक नायक बापूजी अणे ने ‘जंगल सत्याग्रह’ की रूपरेखा तैयार की और इस सत्याग्रह में शामिल होने के लिए डॉ. हेडगेवार ने सरसंघचालक के पद से इस्तीफा दिया था। लक्ष्मण वासुदेव परांजपे को कार्यकारी सरसंघचालक नियुक्त किया था। डॉ. हेडगेवार नें 1930 के गुरुपूर्णिमा समारोह दौरान दिये अपने भाषण में जंगल सत्याग्रह को ले कर अपनी भूमिका स्पष्ट की थी।
डॉ. हेडगेवार के नेतृत्व में 21 जुलाई, 1930 को यवतमाल के धमनगांव रोड पर लोहारा जंगल में सत्याग्रह शुरू हुआ। इस स्थान में डॉ. हेडगेवार और अन्य 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में डॉ. हेडगेवार को नौ महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। वह पहले यवतमाल और बाद में अकोला जेल में कैद रहे। डॉक्टर हेडगेवार ने इस दौरान संघ कार्य के विस्तार कि योजना बनाई और पूरे मध्य भारत में शाखाओं का विस्तार किया।
संग्रहालय बनेगा इसकी खुशी: परसोडकर
इस संबंध में दीनदयाल बहुउद्देशीय प्रसारण बोर्ड के सीईओ गजानन परसोडकर ने कहा कि दीनदयाल बहुउद्देशीय प्रसारण बोर्ड के कार्यक्रम में शामिल होने सांसद राकेश सिन्हा 2018 में यवतमाल आए थे। राकेश सिन्हा ने डॉ. हेडगेवार का चरित्र लिखा है। नतीजतन उन्हें डॉ. हेडगेवार की अगुवाई में हुए जंगल सत्याग्रह का पूरा इतिहास पता है। सांसद सिन्हा ने पुसद में संग्रहालय बनाने को ले कर राज्यसभा में सवाल पूछा था। अब आजादी के अमृत महोत्सव के चलते सरकार ने संग्रहालय की डीपीआर भेजने को कहा है। परसोडकर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि संस्कृति मंत्रालय के अनुदान के तहत संग्रहालय विकसित किया जाएगा।