जो भगवान राम का न हुआ वह परशुराम का क्या होगा : केशव मौर्य

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बलिया, 03 जनवरी (हि. स.)। उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य सोमवार को सिकन्दरपुर के चेतन किशोर के मैदान में उमड़े जनसैलाब को देख खासे उत्साहित नजर आए। उनके निशाने पर सपा समेत सभी विपक्षी दल रहे। अखिलेश यादव द्वारा भगवान परशुराम की प्रतिमा अनावरण पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो भगवान राम का नहीं हुआ वह परशुराम का क्या होगा।

केशव प्रसाद मौर्य ने पिछड़ा वर्ग सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि कारसेवकों पर गोली और कांवरियों पर लाठी बरसाने वाले अब राम का नाम अलापने लगे हैं। लाल और जालीदार टोपी जेब में लेकर चलने वालों को प्रदेश की जनता पूरी तरह पहचान चुकी है।
अपने चिर परिचित अंदाज में श्री मौर्य ने कहा कि धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण कराने वाली पार्टियां चाहे जो कर लें पर 100 में 60 फीसद हमारा है। बाकी 40 प्रतिशत में बंटवारा है, उसमें भी हमारा है। कांग्रेस और सपा को चुनावी हिन्दु करार देते हुए इनसे सावधान रहने की सलाह भी दी। शुरू से सपा पर हमलावर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जब से समाजवादी इत्र की दुर्गंध फैली है, तब से अखिलेश के चेहरे पर 12 बज गए हैं। हलक से आवाज नहीं निकल रही है। उन्होंने कांग्रेस पर टीका टिप्पणी को समय की बर्बादी बताया। प्रदेश में पूरब से लेकर पश्चिम तक भाजपा का ही तूफान नजर आ रहा है। लोगों को भरोसा हो चुका है कि भ्रष्टाचारियों, अपराधियों, गुंडों और लुटेरों से भाजपा ही लड़ सकती है।
गरीब, मजदूर, किसान, अगड़े और पिछड़ों के आशीर्वाद से प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। कहा कि सपा सरकार में तीन से चार घण्टे बिजली के लिए तरसने वाली प्रदेश की जनता आज 16 से 18 घण्टे बिजली का सप्लाई का आनन्द उठा रही है।
उन्होंने सपा प्रमुख को नसीहत दी कि 2014 से शुरू हुई भाजपा की आंधी 2019 से सुनामी बन चुकी है। लिहाजा अखिलेश 2022 की नहीं 2027 की तैयारी करें। अखिलेश द्वारा प्रदेश में 400 सीटें जीतने के दावे पर भी चुटकी लेते हुए कहा कि सपा 47 की संख्या पूरी कर लें तो वह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इस मौके पर मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला, सांसद रविन्दर कुशवाहा, राज्य सभा सदस्य सकलदीप राजभर, विधायक संजय यादव, धनन्जय कन्नौजिया, घोसी विधायक विजय राजभर, पूर्व मंत्री राजधारी, पूर्व विधायक भगवान पाठक, केतकी सिंह, डा. विजय रंजन, रवि राय, अक्षय लाल यादव, विनोद शंकर दुबे, देवेंद्र यादव, अरविंद राय, रविन्द्र वर्मा, गणेश सोनी आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता जयप्रकाश साहू और संचालन प्रयाग चौहान ने किया।


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