जितेन्द्र सिंह के विरुद्ध कर्ण सिंह के पुत्र विक्रमादित्य को प्रत्याशी बनाने की तैयारी में कांग्रेस
नई दिल्ली, 08 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस पार्टी पूर्व केन्द्रीय मंत्री कर्ण सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह को उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) से प्रत्याशी बनाने की तैयारी में है। हालांकि यह भी चर्चा है कि अगर वह इससे इनकार करते हैं, तब किसी ब्राह्मण या वैश्य को प्रत्याशी बनाया जायेगा। विक्रमादित्य अगर वहां से लड़ते हैं तो उनका मुकाबला भाजपा सांसद व केन्द्रीय मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह से होगा।
पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह, जो भाजपा से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बना लिये हैं, वह भी यहां से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। ऐसी स्थिति में यहां का डोगरा राजपूत वोट तीनों में बंट सकता है। इस बारे में चौधरी लाल सिंह का कहना है कि इस क्षेत्र के लिए कांग्रेस या भाजपा ने कुछ भी नहीं किया है। जहां तक क्षेत्रीय डोगरा राजपूतों की बात है, आतंकवाद के वे ही सबसे अधिक शिकार हो रहे हैं। नौकरी मिल नहीं रही है। हालत खराब है। इनके लिए लड़ाई न तो विक्रमादित्य लड़ रहे हैं, न जितेन्द्र सिंह। स्थानीय स्तर पर मैं (लाल सिंह) सबके लिए जूझ रहा हूं। वह 2004 और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते थे लेकिन गुलामनबी आजाद ने केन्द्र में मंत्री नहीं बनने दिया।
हालत यह है कि जम्मू – कश्मीर के तीन हिस्से पर केवल एक हिस्से के नेता राज कर रहे हैं। इसको बदलना होगा। जो कि राजाओं के जीतने से नहीं बदलेगा। इस बारे में भाजपा के एक पदाधिकारी का कहना है कि डा. जितेन्द्र सिंह केन्द्र में राज्य मंत्री हैं। पुलवामा घटना के बाद स्थिति बदली है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राजा व पूर्व केन्द्रीय मंत्री कर्ण सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह भी उधमपुर संसदीय सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं तो भी भाजपा के प्रत्याशी डा. जितेन्द्र सिंह ही जीतेंगे। यदि विक्रमादित्य जम्मू लोकसभा सीट से लड़ते हैं तो वहां भी भाजपा प्रत्याशी उनको कड़ी टक्कर देगा। 14.48 लाख मतदाताओं वाली इस संसदीय सीट से भाजपा के जुगल किशोर शर्मा सांसद हैं। इस सीट पर 9 बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा के प्रत्याशी जीते हैं। कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि जम्मू संसदीय सीट पर कांग्रेस यदि किसी ब्राह्मण या वैश्य को टिकट दे तो यह सीट निकाल सकती है।