जम्मू-कश्मीर में 12 लाख का इनामी जीनत उल इस्लाम ढेर, जनाजे के दौरान हिंसा में 11 घायल
– अल बदर का टॉप कमांडर था आतंकी जीनत उल इस्लाम
– अभी भी कई बड़े आतंकी सुरक्षाबलों के रडार पर
– आतंकी मुख्यधारा में नहीं लौटे तो मारे जाएंगे: सेना
जम्मू, 13 जनवरी (हि.स.)। कुलगाम मुठभेड़ में शनिवार को 12 लाख का इनामी आतंकी अलबदर का चीफ कमांडर जीनत उल इस्लाम और उसका एक साथी मारे गए। उसके साथी आतंकी की पहचान शकील अहमद डार, निवासी चिलीपोरा, शोपियां के रूप में हुई है। रविवार को इनके जनाज़े के दौरान भड़की हिंसक झड़पों में 11 लोग घायल हो गए हैं।
आतंकी जीनत उल इस्लाम कई संगीन वारदात में वंछित था। मोस्ट वांटेड आतंकी रियाज़ नायकू तथा अन्य आतंकियों के साथ मिलकर जीनत पिछले दो साल से पुलिसकर्मियों के परिजनों को निशाना बनाने की साजिश रच रहा था। आतंकी जीनत पुलिसकर्मियों को अगवा कर मौत के घाट उतारने की साजिश में भी शामिल था। वह 2017 में अनंतनाग के पास श्री अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले में भी शामिल था।
शनिवार शाम को कुलगाम जिले के यारीपोरा क्षेत्र के कटपोरा मोहल्ले में आतंकियों के छिपे होने की सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया। तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने एक रिहायशी मकान को घेरा, जिसमें आतंकियों के छिपे होने का संदेह था। इस दौरान आतंकियों ने मौके से भागने का प्रयास किया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था जबकि इस दौरान सेना का एक जवान भी घायल हो गया। घायल जवान का उपचार श्रीनगर सैन्य अस्पताल में चल रहा है।
आतंकियों के जनाज़े के दौरान हिंसक झड़प, 11 लोग घायल
रविवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां निवासी अलबदर कमांडर जीनत उल इस्लाम तथा उसके साथी के जनाज़े के दौरान हिंसक झड़पों में 11 लोग घायल हो गए हैं। इनके जनाज़े में भाग लेने से लोगों को रोकने के लिए रविवार को सुरक्षाबलों ने शोपियां के सुगन गांव की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया था ताकि बड़ी संख्या में लोग जनाजे में शामिल न हो सकें।
सुगन गांव मे आतंकियों के जनाजे़ के साथ प्रार्थनाएं होनी थीं, जिसके चलते बड़ी संख्या में युवा गांव की ओर जाने लगे तो वहां मौजूद सुरक्षाबलों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान युवाओं ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाज़ी व प्रदर्शन शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे तथा बल प्रयोग किया, जिसके बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई। इन झड़पों में कम से कम 11 लोग घायल हुए हैं। घायलों को तुरंत शोपियां तथा पुलवामा जिले के अस्पतालों में उपचार के लिए ले जाया गया है। इसके बावजूद आतंकी जीनत उल इस्लाम तथा उसके साथी आतंकी के जनाज़े में हज़ारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया।
इस बीच रविवार को दक्षिण कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा कारणों से रेल सेवा स्थगित कर दी गई। बडगाम-श्रीनगर-अनंतनाग-काज़ीगुंड-बनिहाल तक चलने वाली रेल सेवा को प्रशासन द्वारा स्थगित रखने के निर्देश दिए गए हैं।
कौन है जीनत उल इस्लाम
28 वर्षीय जीनत उल इस्लाम नवम्बर 2015 में लश्कर में भर्ती हुआ था। वो आईईडी विस्फोट का एक्सपर्ट माना जाता है।जीनत उल इस्लाम को 2008 में पहली बार गिरफ्तार किया गया था और अलबदर का सदस्य होने के चलते उस पर पीएसए लगाया गया था। वह अलबदर के लिए एक ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में काम कर रहा था।वह 2011 में रिलीज किया गया था, जिसके बाद उसने एलईटी में शामिल होने से पहले कुछ समय के लिए अपने पिता के साथ काम किया। स्थानीय मस्जिद में उसके पिता इमाम थे।सेना ने उसे ए++ कैटेगरी की आतंकियों की सूची में रखा हुआ था।
पिछले साल ही मारने का बन गया था प्लान
जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन आलआउट के तहत वर्ष 2018 में अब तक कश्मीर में 250 से अधिक आतंकी मारे जा चुके हैं। पिछले 10 सालों में यह आंकड़ा सबसे अधिक है। इससे उत्साहित सुरक्षाबलों ने 2019 में भी आतंकियों के खात्मे को मास्टर प्लान तैयार किया था।
सुरक्षाबलों की योजना के अनुसार कश्मीर के पांच क्षेत्रों पर पूरी तरह से फोकस कर आतंकियों को चुन-चुन कर मारा जाएगा। इन्हीं पांच क्षेत्रों में इस समय आतंकी पनाह लेकर रह रहे हैं।
कुलगाम, अनंतनाग, बड़गाम, शोपियां और श्रीनगर इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दो साल से कश्मीर में आतंकी संगठनों के कई कमांडर मारे जा चुके हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अब कश्मीर घाटी में अंसार उल गजवा-ए-हिंद का कमांडर जाकिर मूसा, हिजबुल का डिवीजनल कमांडर रियाज नायकू, इम्तियाज अहमद कांडू, जुनैद खान, लश्कर कमांडर सैफुल्ला, पाकिस्तानी अबु जारगाम, जैश कमांडर गाजी अब्दुल रशीद सुल्तान व बंबार खान ही बचे हुए हैं। ये सभी आतंकी सुरक्षा बलों के रडार पर हैं क्योंकि अमन कायम करने में ये बाधक बने हैं।
इनके खात्मे पर सुरक्षा एजेंसियां फोकस कर रही हैं। इसके लिए इन पांचों क्षेत्रों में सुरक्षाबल अपना खुफिया नेटवर्क मजबूत करेंगे। इसके लिए स्थानीय नेटवर्क को भी भरोसे में लिया जा रहा है।
सेना ने चेताया, आतंकी मुख्यधारा में नहीं लौटे तो मारे जाएंगे
सेना की 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट ने स्थानीय आतंकियों से अपील की है कि आतंकवाद का रास्ता छोड़ कर वे आत्म समर्पण करें और राष्ट्र की मुख्यधारा में लौट आएं। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने वाले आतंकियों के खिलाफ सेना अपनी मुहिम जारी रखेगी।
सेना ने पिछले दो सालों से राज्य में आतंकियों की धरपकड़ के लिए ऑल आउट अभियान चलाया हुआ है। इसी अभियान के तहत सेना ने वर्ष 2018 में 250 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है जबकि 2017 में करीब 200 आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। इस वर्ष लोकसभा व विधानसभा चुनावों को देखते हुए सेना आतंकियों के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर सकती है।
इसी के चलते 15 कोर के कमांडर अनिल भट्ट ने आतंकियों को चेतावनी भरे लहजे में सलाह दी है कि वह आत्म समर्पण कर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं वरना सेना उन्हें मार गिराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।