छह साल पहले नारायण साई को दिल्ली पुलिस ने पिपली में किया था काबू
30 अप्रैल को होगा सजा का ऐलान, सूरत की अदालत ने दुष्कर्म के मामले में नारायण साईं को माना है दोषी
पंजाब से दिल्ली पुलिस नारायण साई की गाड़ी का कर रही थी पीछा
हिरासत के समय नारायण साई पुलिस को चकमा देने के लिए था सिख के वेश में
कुरुक्षेत्र, 26 अप्रैल (हि.स.) । दुष्कर्म मामले में दोषी करार संत आसा राम के बेटे नारायण साई को दिल्ली पुलिस ने तकरीबन छह वर्ष पहले राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित पिपली से काबू किया था। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की टीम नारायण स्वामी का पंजाब से पीछा कर रही थी। नारायण साई जब करनाल रोड स्थित एक पेट्रोल पंप के पास पहुंचा था तो दिल्ली पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से उसे हिरासत में ले लिया था। हिरासत के समय नारायण साई सिख के वेश में था। जिस समय नारायण साई को पुलिस ने काबू किया, उस समय पेट्रोल पंप पर तैनात कर्मियों को मालूम ही नहीं पड़ा कि यह क्या माजरा था। नारायण साई ने बिना किसी विरोध के अपने आप को पुलिस के हवाले कर दिया था। उसके बाद पुलिस उसे अपने साथ दिल्ली ले गई थी। हालांकि नारायण साई को पुलिस ने पिपली से काबू किया था, लेकिन उसकी हिरासत दिल्ली हरियाणा बार्डर के समीप दिखाई थी।
करनाल रोड स्थित पंप पर नार को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने की कार्रवाई पंप पर काम कर रहे एक कर्मचारी ने अपनी आंखों से देखी थी। कर्मचारी को आज भी याद है कि किस तरीके से दिल्ली पुलिस ने नारायण साई को काबू किया था। पेट्रोल पंप कर्मी सीता राम ने बताया कि उन्हें उस समय इतना ही पता चला था कि पंजाब से एक गाड़ी नारायण साई की गाड़ी के पीछे लगी हुई थी। नारायण साई की गाड़ी को पुलिस ने पंजाब एंड सिंध बैंक के पास रोक लिया था। उसके बाद पुलिस अधिकारी गाड़ी को पेट्रोल पंप की ओर ले आए थे। पुलिस अधिकारियों ने नारायण साई की गाड़ी को सुरक्षा के घेरे में ले लिया था। उन्हें उस समय कुछ नहीं पता चला कि क्या माजरा है। हालांकि उन्होंने पुलिस के एक हैडकांस्टेबल से घटना की जानकारी ली तो हैडकांस्टेबल ने उन्हें मात्र इतना बताया था कि नारायण साई की गाड़ी ने पीछे किसी गाड़ी को टक्कर मारी है, लेकिन नारायण साई की गिरफ्तारी के बाद ही घटना का खुलासा हुआ था कि पेट्रोल पंप से सिख के वेश में जो व्यक्ति काबू किया गया था, वह संत आसा राम का बेटा नारायण साई था।
बता दें कि आसा राम बापू के बेटे नारायण साई को गुजरात के सूरत की अदालत ने दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिया है। नारायण साई की सजा का ऐलान 30 अप्रैल को होगा। नारायण साई पर सूरत की रहने वाली दो पीडि़त बहनों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जिसके बाद नारायण साई के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था। गिरफ्तारी से बचने के लिए नारायण साई कई राज्यों में छिपता रहा। पंजाब में नारायण साई के छिपे होने की खबर के बाद से दिल्ली की पुलिस ने उसका पीछा किया था। पीछा करती हुई दिल्ली की पुलिस पंजाब से नारायण साई को काबू करने की फिराक में लगी थी और नारायण साई पिपली में दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया था।